पिछले 33 वर्षों से सिर्फ चाय पीकर जिंदा रहने वाली पीली देवी की क्या है पूरी कहानी?

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एक समय था जब घर के अधिकांश लोग सप्ताह में किसी एक दिन उपवास रखते थे। लेकिन अब ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है। इसके पीछे का कारण यह है कि आज की जनरेशन एक तो ज्यादा देर तक भूख सहन नहीं कर सकती और दूसरा उपवास जैसी बातों में विश्वास नहीं रखती है। जबकि शरीर की मशीनरी के सही काम करने के लिए उसे आराम देने की बात आयुर्वेद और हमारी संस्कृति सिखाती रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ की एक महिला ऐसी भी है जो पिछले 33 वर्षों से सिर्फ ज्यादा पीकर जिंदा है। हालांकि यह महिला कोई उपवास पर नहीं है। आज हम इसी पीली देवी की कहानी आपको बताने जा रहे हैं..

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छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले की रहने वाली है पीली देवी

यह सभी के लिए आश्चर्य की बात है कि छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के बरड़िया गांव में रहने वाले पीली देवी पिछले 33 वर्षों से केवल चाय पीकर जिंदा हैं। सबसे ताज्जुब की बात यह है कि वह जिंदा ही नहीं है बल्कि पूरी तहर से स्वस्थ भी है। इसकी पीछे की कहानी यह है कि जब पीली देवी मात्र 11 साल की थी, तभी से उसने कुछ भी खाना-पीना छोड़ दिया था। तभी से वह केवल चाय के सहारे जिंदा हैं। अपनी बिल्कुल अलग जीवनशैली के लिए मशहूर पीली देवी आसपास के इलाकों में अब ‘चाय वाली चाची’ के नाम से पहचानी जाती है।

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छठी क्लास में ही छोड़ दिया था खाना

पीली देवी के पिता रतिराम रजवाड़े का इस पर कहना है कि जब वह छठी कक्षा में पढ़ती थी, तभी से उसने खाना छोड़ दिया था। वे कहते हैं कि मेरी बेटी कोरिया जिले के जनकपुर में स्थित पटना स्कूल में एक जिला स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए गई थी। जब वह लौटी तो अचानक से उसने कुछ भी खाने और पानी पीने से मना कर दिया था। उन्होंने बताया कि पीली देवी ने उसके बाद केवल दूध वाली चाय के साथ बिस्किट और ब्रेड खाया। लेकिन धीरे-धीरे उसने यह भी छोड़ दिया और केवल काली चाय पीनी शुरु कर दी, जिसे वह शाम के समय केवल एक बार सूरज डूबने के बाद पीती थी।

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दिन-रात भगवान शिव की पूजा में लीन रहती है पीली देवी

पीली देवी के भाई बिहारी लाल रजवाड़े का कहना है कि उन्होंने उसे कई डॉक्टरों को भी दिखाया ताकि यह पता किया जा सके कि कहीं उन्हें कोई गंभीर बीमारी तो नहीं है। लेकिन किसी भी डॉक्टर की जांच में उन्हें किसी बीमारी का पता नहीं चल सका। जिससे यह भी नहीं साबित हुआ कि उनकी यह आदत किसी बीमारी के चलते हो गई है। उन्होंने कहा कि हम पीली को लेकर कई अस्पतालों में भी चक्कर लगाए, लेकिन कोई भी डॉक्टर उनकी इस स्थिति के पीछे के कारण के बारे में कुछ भी नहीं बता पाया। उनके परिवार के मेंबर्स का कहना है कि पीली देवी बहुत ही जरुरी होने पर कभी अपने घर से बाहर कदम रखती हैं। वे दिन-रात बस भगवान शिव की पूजा में लीन रहती है।

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क्या कहते हैं इस बारे में डॉक्टर्स?

पीली देवी जैसे मामले पर कोरिया जिला अस्पताल के डॉक्टर एसके गुप्ता का कहना है कि किसी इंसान के लिए सिर्फ चाय पीकर जीवित रहना संभव ही नहीं है। उन्होंने बताया कि यह एक बहुत ही चौंकाने वाली बात है। साइंटिस्ट के नजरिये से एक व्यक्ति 33 सालों तक सिर्फ चाय पीकर जीवित नहीं रह सकता है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि यह इस बात से बिल्कुल अलग है कि लोग नवरात्रि के त्योहार पर 9 दिनों के लिए व्रत रखते हैं और केवल चाय का सेवन करते हैं। लेकिन 44 वर्षीय पीली देवी पिछले 33 वर्षों से सिर्फ चाय लेकर अभी तक जिंदा है। यह समय बहुत ही ज्यादा है इस तरह होना संभव ही नहीं है। यह किसी चमत्कारिक मामले से कम नहीं है।

 

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