अप्रैल का नया महीना शुरू होने वाला है और ग्राहकों के पास बैंकों के ईएमआई कटने के मैसेज आना शुरू हो गए हैं। अधिकतर बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश का अभी भी पालन नहीं कर रहे हैं जिससे ग्राहक भ्रम की स्थिति में है और किश्त चुकाने को लेकर टेंशन में हैं।
जानिये, इसलिए टेंशन और भ्रम में है बैंकों के ग्राहक
गौरतलब है कि 14 अप्रैल तक लॉक डाउन के चलते पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने देश की सभी बैंकों को यह सलाह दी थी कि कोरोना संकट में लॉक डाउन की स्थिति के चलते सभी प्रकार के लोन की ईएमआई अगले तीन महीने के लिए टाल कर ग्राहकों को राहत दी जाए। इस आदेश के बाद देशभर के सभी ग्राहक निंश्चित होकर यह मान बैठे कि अब उन्हें तीन महीने तक किश्त नहीं चुकानी पडेंगी लेकिन अचानक सोमवार को बैंकों के ईएमआई कटने के आए मैसेज से ग्राहक भ्रम में पड गए हैं और टेंशन में हैं।
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मोबाइल पर बैंकों की तरफ से आए इस मैसेज से हुई टेंशन
सोमवार को ज्यादातर बैंकों की ओर से ग्राहकों के मोबाइल पर पूर्व की भांति मैसेज आए कि तय तिथि पर उनकी ईएमआई की किश्त काट ली जावेगी इसलिए बैंक में अपना निर्धारित बैलेंस बनाए रखेंं। इस मैसेज को पढते ही ग्राहक भ्रम में पड गए कि आरबीआई के आदेश के बाद भी इस तरह के मैसेज बैंक की ओर से कैसे आए।
प्रमुख बैंकों ने ग्राहकों को नहीं दी अभी तक सूचना
आरबीआई के आदेश के बाद भी कई प्रमुख बैंकों ने अपने ग्राहकों को अब ईएमआई के बारे में कोई सूचना मेल या मैसेज से नहीं दी है। सूचना नहीं मिलने से लोन लेने वाले ग्राहकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।गौरतलब है कि ज्यादातर ग्राहकों के खातों से ईएमआई बैंक हर महीने के पहले सप्ताह में ही काट लेती है और अगर खाते में निर्धारित बैलेंस नहीं हो तो ग्राहकों से जुर्माना वसूला जाता है।