देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को समाज के गरीब, निराश्रित व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम यानि एनएफएसए के तहत कवरेज सुनिश्चित करते हुए राशन कार्ड जारी करने की सलाह दी है। केंद्र की ओर से बुधवार को जारी की गई इस सलाह में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें राशन कार्ड जारी करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने को भी कहा गया है।
राशन कार्ड जारी करने की जिम्मेदारी राज्य-केंद्रशासित प्रदेशों की
केंद्र सरकार के इस बयान में कहा गया है कि एनएफएसए के तहत पात्र व्यक्तियों और परिवारों की पहचान और उन्हें राशन कार्ड जारी करने व उसके संचालन की जिम्मेदारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की है। लिहाजा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जल्द से जल्द उन तक पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए। इसकी एक रिपोर्ट भी एक पखवाड़े के भीतर मंत्रालय को देनी चाहिए। सलाह में कहा गया है, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात की जानकारी हो सकती है कि महामारी के दौरान, मीडिया, समाचार पत्रों, गैर सरकारी संगठनों, व्यक्तियों के माध्यम से कई रिपोर्ट और शिकायतें आई हैं।
जो यह बताती हैं कि समाज के गरीब और कमजोर वर्ग, जिन्हें राशन की सख्त जरूरत है, उनके राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। केंद्र सरकार ने अपनी सलाह में कहा कि ऐसा महसूस किया गया है कि कुछ गरीब और जरूरतमंद लोग, जिनके पास पते का प्रमाण भी नहीं हो सकता है, उन्हें राशन कार्ड प्राप्त करने में मुश्किल हो सकती है।
1.97 करोड़ लोगों को जोड़ने की कोशिश में हैं सरकार
केंद्रीय खाद्य विभाग के सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 1.97 करोड़ लोगों को और जोड़ने की गुंजाइश बाकी है। उन्होंने बताया कि देश के 14 राज्यों ने 100 प्रतिशत कवरेज कोटा पूरा कर लिया है। बता दें कि एनएफएसए के तहत गरीब, निराश्रित व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बहुत ही कम कीमत पर अनाज जैसे गेहूं, चावल, दाल और चीनी आदि उपलब्ध कराई जाती है।
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