मुकुल रॉय की सदस्यता पर राज्य विधानसभा स्पीकर जल्द फैसला करें: सुप्रीम कोर्ट

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उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष से टीएमसी नेता मुकुल रॉय की अयोग्यता पर जल्द निर्णय के लिए कहा है। दरअसल, भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को जनवरी के तीसरे हफ्ते के लिए टालते हुए अनुरोध किया कि विधानसभा स्पीकर तब तक फैसला ले लें। आपको बता दें, जस्टिस एल नागेश्वर और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा के सचिव तथा निर्वाचन अधिकारी द्वारा दायर दो अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई कर रही थी। हाई कोर्ट ने 28 सितंबर को विधानसभा स्पीकर से कहा था कि मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराने के लिए दायर याचिका पर 7 अक्टूबर तक फैसला लें।

अब अगले साल जनवरी में सुनवाई करेगी सर्वोच्च अदालत

सुप्रीम कोर्ट ने अपीलों पर नोटिस जारी नहीं किया, जिसने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम सिंघवी की दलीलों पर ध्यान दिया कि मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराये जाने के अनुरोध संबंधी याचिका पर 21 दिसंबर को अध्यक्ष के समक्ष सुनवाई होनी है। सर्वोच्च अदालत की पीठ ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अध्यक्ष 21 दिसंबर, 2021 को मामले की सुनवाई करेंगे और कानून के अनुसार इस पर फैसला करेंगे।’ अब उच्चतम न्यायालय इस मामले में जनवरी 2022 में सुनवाई करेगा।

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दायर की थी याचिका

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष (भाजपा) के प्रमुख नेता शुभेंदु अधिकारी ने 17 जून को अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर कर मुकुल रॉय को विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया था। उन्होंने दावा किया था कि रॉय तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। राज्य के भाजपा विधायक अंबिका रॉय ने जुलाई में मुकुल रॉय को लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने परंपरा के अनुसार इस पद पर विपक्ष के किसी सदस्य का नामांकन करने का अनुरोध किया था। सर्वोच्च अदालत की टिप्पणी के बाद अब जल्द ही यह देखा सकता है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी इस मामले को लेकर कोई फैसला लें।

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