कंधे पर सोती रही 2 साल की बेटी, थाने में ली अधिकारियों की क्लास, इस महिला ऑफिसर ने पेश की मिसाल

Views : 7494  |  0 minutes read

पुलिस का नाम सुनते ही शायद अपराधियों के चेहरे पर खौफ का साया मंडराने लगता होगा, हमनें तो यही सुना है। वहीं हमारी बॉलीवुड की फिल्मों में भी कई तरह के पुलिस वाले देखें हैं जो ऊपर लिखी बात को सच साबित करते हैं। इसके इतर हमें रीयल लाइफ में ऐसे उदाहरण बहुत कम देखने को मिलते हैं। आज भी समाज के एक तबके में पुलिस को लेकर एक नकारातम्क छवि है।

लेकिन आज हम जिस पुलिस कर्मचारी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उनके काम को देखकर आपको कर्तव्य पालन की अब तक की सारी मिसालें फीकी लगने लगेगी। हम बात कर रहे हैं इंदौर की महिला एसएसपी रूचि वर्धन मिश्र की जिन्होंने कंधे पर सोती अपनी बिटिया की फिक्र ना करते हुए अपनी ड्यूटी पूरी की। रुचि वर्धन मिश्र जब ड्यूटी के दौरान राउंड पर निकली तो कंधे पर अपनी दो साल की बेटी नविशा को लेकर निकल गई।

घटनाक्रम कुछ ऐसा हुआ कि एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र अपना दिन का काम निपटा कर जब रात 9 बजे घर पहुंचीं तो बेटी उनके पास आने की जिद करने लगी। लेकिन उसी समय उनको खुड़ैल थाने चैकिंग पर जाना पड़ा, तो रात 11 बजे रुचि ने अपनी ड्यूटी को प्राथमिकता देते हुए अपनी बेटी को साथ लेकर खुड़ैल थाने जाना सही समझा और अपनी सोती हुई बेटी को कंधे पर लेकर रुचि थाने पहुंची।

थाने पहुंचकर बेटी को कंधे पर रखते हुए रूचि वर्धन मिश्र ने थाने में कई अधिकारियों की क्लास लगाई और कई जानकारियां ली। पुलिसवालों के बच्ची को गोद में लेने का कहने पर भी उन्होंने कुछ ना सुनते हुए अपना काम पूरा किया।

स्कूल में प्रिंसिपल की एक बात खटक गई और फिर बनी IPS

आई पी एस अफसर रूचि वर्धन मिश्र 2006 में इस पोस्ट पर नियुक्त हुई है। 11वीं क्लास में रुचि ने केमिस्ट्री में मन ना लगते हुए भी पीसीएम ले लिया। एग्जाम हुए तो रिजल्ट में रूचि को सिर्फ पासिंग 19 मार्क्स मिले। उसी दिन उनके स्कूल की प्रिंसिपल ने रूचि से कहा कि साइंस तुम्हारे बस की बात नहीं है।

बस उसी दिन से यह बात उनके दिल में बैठ गई और उन्होंने पढ़ाई में दिन-रात एक कर दिए। आखिरकार 12वीं बोर्ड परीक्षा में रुचि ने मैरिट में 8वीं रैंक हासिल की।

COMMENT