महान स्पिनर और श्रीलंकाई पूर्व क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन क्रिकेट के बाद अब राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। उनकी राजनीति में यह पहली पारी होगी। उन्हें श्रीलंका सरकार की ओर से उत्तरी प्रांत का गवर्नर यानि राज्यपाल नियुक्त किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि श्रीलंका का उत्तरी प्रांत तमिल बहुसंख्यक हैं। खुद मुथैया मुरलीधरन का जन्म भी 17 अप्रैल, 1972 को कैंडी के एक तमिल परिवार में हुआ था।
मुरलीधरन की शादी भी एक भारतीय तमिल परिवार में हुई है। श्रीलंकाई दिग्गज स्पिनर ने चेन्नई की माधीमलार राममूर्ति से 21 मार्च, 2005 को शादी की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रीलंका के राष्ट्रपति गौतबाया राजपक्षे ने पूर्व क्रिकेटर मुरलीधरन को व्यक्तिगत तौर पर आमंत्रित कर गवर्नर बनने का ऑफर दिया था। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। संभवत: एक तमिल परिवार से होने के कारण उन्हें यह ऑफर मिला।
ऐसा रहा महान क्रिकेटर मुरलीधरन का कॅरियर
47 वर्षीय मुथैया मुरलीधरन को क्रिकेट की दुनिया के सर्वकालिक स्पिनरों में से एक माना जाता है। मुरलीधरन ने श्रीलंका की ओर से 133 टेस्ट मैच खेलते हुए 800 विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। एकदिवसीय क्रिकेट में उनके प्रदर्शन की बात करें तो मुथैया मुरलीधरन ने 350 वनडे में 534 विकेट चटकाए। वहीं, उन्होंने 12 टी-20 इंटरनेशनल में 13 विकेट हासिल किए हैं। उन्होंने वर्ष 2010 में टेस्ट क्रिकेट रिटायरमेंट ले लिया था।
अनुराधा और तिस्स वितरणा भी बनाया राज्यपाल
श्रीलंका के राष्ट्रपति गौतबाया राजपक्षे ने मुथैया मुरलीधरन के अलावा अनुराधा यहमपथ को पूर्वी प्रांत और तिस्स वितरणा को उत्तर मध्य प्रांत का गवर्नर नियुक्त किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अनुराधा राष्ट्रीय व्यापार मंडल की अध्यक्ष और गारमेंट एक्सपोर्ट कंपनी की निदेशक हैं। वहीं, तिस्स वितरणा पूर्व मंत्री और लियोन ट्रॉट्स्की के सिद्धांतों को मानने वाली लंका समा समाज पार्टी (एलएसएसपी) के लीडर हैं। गौरतलब है कि हाल में गौतबाया राजपक्षे ने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रतिद्वंदी साजित प्रेमदासा को बड़े अंतर से हराया।
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राष्ट्रपति पद संभालने के बाद गोताबाया ने अपने बड़े भाई और पूर्व राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को फ़िर से श्रीलंका का पीएम बनाने का फैसला लिया। श्रीलंका के राष्ट्रपति गौतबाया राजपक्षे को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानि लिट्टे के साथ तीन दशक तक चले गृह युद्ध को निर्दयतापूर्वक खत्म करने का श्रेय जाता है।