किसी दिन को विशेष बनाने के लिए गूगल एक खगोलीय घटना का डूडल बनाया है। जो मौसम परिवर्तन की दृष्टि से काफी खास है। आज भी उसने पूरी दुनिया को बताया है कि यह दिन क्यों खास है। गूगल ने अपने डूडल में पृथ्वी पर फूल को खिलता हुआ दिखाया है जो नई ऋतु के आगमन का संकेत दे रहा है। आज की रात आसमान में चांद रोज के मुकाबले कुछ ज्यादा ही बड़ा नजर आएगा, इसे सुपर वार्म मून कहा जाता है। यह खगोलीय घटना अब 2030 में दिखाई देगी। विश्व के कई देशों में इसका नजारा 20 मार्च की रात में दिखाई देगा, लेकिन भारत में यह 21 मार्च को नजर आएगा। यानी कल अपनी छत से कुछ अलग देख सकते हैं। गौरतलब है कि इससे पहले सुपरमून 21 जनवरी और 19 फरवरी को दिखाई दिया था।
स्प्रिंग इक्विनास में equinox शब्द लेटिन से आया है जिसका अर्थ होता है बराबर रात—दिन।
आज सौरमंडल में वसंत विषुव की स्थिति है यानि आज रात और दिन, दोनों की समयावधि समान होती है अर्थात् 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है। यह घटना सौरमंडल में प्रतिवर्ष दो बार घटित होती है क्योंकि आज के दिन सूरज भूमध्य रेखा (विषुवत रेखा) पर सीधा चमकता है। यह 20 मार्च को बंसत विषुव और 23 सितंबर को शीतकालीन विषुव (शरद विषुव) के रूप में जाना जाता है।
वसंत विषुव को वर्नल इक्वीनॉक्स भी कहा जाता है। इस दिन के बाद से सूर्य उत्तर की ओर कर्क रेखा की तरफ बढ़ता है। जिससे उत्तरी गोलार्द्ध में दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती है। कर्क रेखा भारत में से गुजरती है जिसके कारण यहां पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है और गर्मी बढ़ जाती है। यह दिन ग्रीष्म ऋतु के आने का संकेत है। इस दिन बंसत का महीना समाप्त हो जाता है।
वहीं दक्षिणी गोलार्द्ध में इसके विपरीत रातें बढ़ और दिन छोटे होने लगते हैं और वहां शरद ऋतु का आवागमन होने लगता है।
ठीक इसी प्रकार 23 सितंबर को भी सूर्य धरती की भू-मध्य रेखा से गुजरता है और उस भी दिन-रात की अवधि समान रहती है। इस दिन से सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध की ओर झुकने लगता है जिससे उत्तरी गोलार्द्ध में शीत ऋतु का आवागमन होता है। कई देशों में वसंत विषुव को एक पर्व की तरह मनाया जाता है।