स्पेशल: घरेलू क्रिकेट में सुनील गावस्कर के बाद बेस्ट ओपनर माने जाते थे लालचंद राजपूत

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​पूर्व भारतीय क्रिकेटर, इंटरनेशनल कोच और टीम इंडिया के मैनेजर रह चुके लालचंद राजपूत 18 दिसंबर को अपना 58 वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। उनका जन्म 18 दिसंबर, 1961 को महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुआ। उनके पिता का नाम सीताराम चंदू राजपूत और माता का नाम प्रेमती सीताराम राजपूत था। लालचंद की पत्नी का नाम लता राजपूत है, जिनसे इनसे दो बेटे अखिल और तनिश राजपूत हैं।

उन्होंने बॉम्बे के लिए कई वर्षों तक क्रिकेट खेली और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन में प्रशासनिक पद पर भी रहे। लालचंद का अंतरराष्ट्रीय कॅरियर कुछ खास नहीं रहा, लेकिन वे कोचिंग में विभिन्न स्तर पर 20 साल का अनुभव रखते हैं। ऐसे में लालचंद राजपूत के जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनके बारे में कुछ और ख़ास बातें..

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बॉम्बे टीम के लिए करते थे ओपनिंग

दाएं हाथ के बल्लेबाज लालचंद राजपूत का घरेलू क्रिकेट में कॅरियर बॉम्बे टीम के ओपनर के तौर पर शुरु हुआ था। मुंबई टीम के सलामी बल्लेबाज के रूप में उनका कॅरियर प्रतिष्ठित रहा। एक समय वे दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर के बाद भारत के बेस्ट ओपनर माने जाते थे। लेकिन लालचंद अपनी प्रतिभा को डोमेस्टिक लेवल से इंटरनेशनल लेवल पर ले जाने में विफल रहे। उन्हें टीम इंडिया के लिए बहुत कम मौके मिले, जिसमें वे फ्लॉप साबित हुए थे। बल्लेबाजी के अलावा वे कभी-कभार ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी करते थे।

ऐसा रहा लालचंद का इंटरनेशनल कॅरियर

पूर्व क्रिकेटर लालचंद राजपूत को भारतीय टीम के लिए ज्यादा मैच खेलने को नहीं मिले थे। उन्होंने टीम इंडिया के लिए दो टेस्ट और चार वनडे मैच खेले थे। लालचंद ने 2 टेस्ट में एक अर्धशतक की मदद से 105 रन बनाए और 61 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा। अगर एकदिवसीय क्रिकेट की बात करें तो उन्होंने भारतीय टीम के लिए खेले चार मैचों में मात्र 9 रन बनाए और 8 रन उनका सर्वाधिक स्कोर रहा। जबकि प्रथम श्रेणी घरेलू क्रिकेट में उन्होंने 8 हजार के करीब रन बनाए थे। लेकिन जब टीम इंडिया के उन्हें मौका मिला, वे उसका फायदा उठाकर खुद को साबित नहीं कर सके थे।

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20 साल से ज्यादा का कोचिंग अनुभव रखते हैं लालचंद

लालचंद राजपूत के कोचिंग अनुभव की बात करने तो उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान की टीम को 2016-17 में क्रिकेट की बारीकियां सिखाई थीं। वे टीम इंडिया के मैनेजर रह चुके हैं। उन्होंने ज़िम्बाब्वे और अफ़ग़ानिस्तान जैसी टीमों को अपनी कोचिंग में तैयार किया। वे अंडर-19 टीम के इंग्लैंड दौरे के दौरान कोच भी रहे थे। इसके अलावा उन्होंने घरेलू क्रिकेट में असम क्रिकेट को आगे बढ़ाने में अहम रोल निभाया।

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लालचंद कनाडा की ग्लोबल टी-20 लीग में विन्निपेग हॉक्स टीम के हेड कोच रहे। कुछ समय पहले उन्होंने टीम इंडिया का हेड कोच बनने के लिए आवेदन किया था। तब वे ज़िम्बाब्वे क्रिकेट के हेड कोच थे। उन्हें विभिन्न स्तर पर कोचिंग में 20 साल से ज्यादा का अनुभव हैं। उल्लेखनीय है कि लालचंद राजपूत वर्ष 2007 में द​क्षिण अफ्रीका में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप की चैम्पियन टीम इंडिया के मैनेजर थे।

 

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