इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में समय पूर्व पहुंच सकता है: मौसम विज्ञान विभाग

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Southwest-Monsoon-India

देश में कोरोना महामारी के कहर के बीच जल्द ही गर्मी से राहत मिल सकती है। इस बार भारत में मानूसन कुछ दिन पहले ही दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून समय पूर्व, 31 मई को पहुंच सकता है। आपको बता दें कि आमतौर पर राज्य में मानसून एक जून को आता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मौसम विज्ञान विभाग ने अपनी जानकारी में बताया कि इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में 31 मई को पहुंच सकता है, हालांकि इस अनुमान में चार दिन कम या ज्यादा भी हो सकते हैं।

22 मई के आसपास अंडमान सागर में पहुंचेगा मानसून

जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय मानसून क्षेत्र में मानसून की शुरुआती बारिश दक्षिण अंडमान सागर से होती है और उसकी बाद मानसूनी हवाएं उत्तर-पश्चिम दिशा में बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ती हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा दी गई मानसून की नई सामान्य तारीखों के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर में पहुंचेगा। मौसम विभाग ने कहा है कि अरब सागर के ऊपर चक्रवात बनने के आसार हैं, ऐसे में सागर के ऊपर भूमध्यरेखा से गुजरने वाली दक्षिण पछुआ हवाएं तेज हो गई हैं।

देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून से होती है 75 फीसदी बारिश

आईएमडी की जानकारी के अनुसार, भूमध्यरेखा से गुजरने वाली हवाओं के 20 मई से बंगाल की खाड़ी में मजबूत और तेज होने के आसार हैं और 21 मई से बंगाल की खाड़ी तथा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में बारिश होने का अनुमान है। अत: मानसून 21 मई से अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में आ सकता है। मौसम विज्ञान विभाग ने इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य रहने का अनुमान जताया है। उल्लेखनीय है कि भारत में 75 फीसदी बरसात दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण होती है। मानसून की शुरुआत हो जाने पर कोरोना के बीच बढ़ती गर्मी से लोगों को राहत मिल सकेगी।

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