जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के मददगार और उनके लिए काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों पर कड़ा एक्शन लिया है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर सरकार ने राज्य के छह सरकारी कर्मचारियों को आतंकियों के साथ संबंध रखने और ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में काम करने के लिए बर्खास्त कर दिया है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश में राज्य सरकार ने राष्ट्र सुरक्षा के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। इसी संबंध में कुछ समय पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक आदेश भी जारी किया था, जिसमें देशद्रोहियों का समर्थन करने पर सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किये जाने की बात कही गई थी।
सरकारी कर्मचारियों के आचरण को लेकर स्पष्ट नियम
सरकार के आदेश के अनुसार, केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में देश की संप्रभुता, संविधान और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनने वाले तत्वों का समर्थन करने पर सरकारी कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। राज्य प्रशासन ने समय-समय पर कर्मचारियों के चरित्र प्रमाणीकरण का आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार कोई भी कर्मचारी यदि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी रूप में खतरा साबित होता है या फिर विदेशी हितों के लिए जानबूझ कर प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से काम करते पाया जाता है, उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।
राज्य प्रशासन के आदेश के अनुसार, इस तरह के आरोप लगने पर कर्मचारी की पदोन्नति पर तत्काल रोक लगा दी जाएगी। यदि आरोपों को केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी भी सही मानती है तो कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त भी किया जा सकता है। सरकार के आदेश में कहा गया है कि राज्य के कर्मचारियों के आचरण को लेकर पहले से स्पष्ट नियम हैं।
कर्मचारी के सूचना छिपाने पर कड़ा संज्ञान लिया जाएगा
आदेश में लिखित है कि जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विसेज (कैरेक्टर एंड एंटीसीडेंट्स) इंस्ट्रक्शंस 1997 और इसमें किए गए संशोधन को चरित्र प्रमाणीकरण के दौरान विशेष ध्यान में रखा जाए। कर्मचारी के चरित्र पर रिपोर्ट में यदि देश विरोधी गतिविधियाें में शामिल होने, समर्थन करने या फिर संलिप्त तत्व की जानकारी होने के बावजूद सूचना छिपाने की बात आती है तो उसका कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। आदेश के तहत प्रमोशन रोकने से लेकर बर्खास्त करने की तक की कार्रवाई राज्य के सरकारी कर्मचारी पर की जा सकेगी।
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