भाजपा में जाने की अटकलों के बीच प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लिया है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने तत्काल प्रभाव से पार्टी के अपने सभी राष्ट्रीय और प्रांतीय इकाइयों को भंग कर दिया है। इस आदेश के साथ ही सभी पदाधिकारियों के पद खत्म कर दिए गए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव की तरफ से अभी कहा गया है कि जल्द ही इस संबंध में नया फैसला लिया जाएगा, उसके बाद ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था चुनाव
आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। चुनाव परिणाम आने के बाद से शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के संबंधों में फिर से खटास की खबरें आने लगी हैं। ऐसे में शिवपाल यादव की तरफ से अपनी पार्टी के सभी कार्यों को भंग करने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
क्योंकि इस बीच शिवपाल यादव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात कर चुके हैं, ऐसे में संगठन को भंग करने के इस आदेश को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इसे शिवपाल यादव के अगले राजनीतिक कदम की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। शिवपाल ने पिछले दिनों कहा था कि वह ‘उचित समय’ जल्द आने वाला है, जिसका सबको इंतजार है।
धर्म और राजनीति दोनों में लागू होती है यह नीति: शिवपाल
शिवपाल सिंह यादव ने इटावा के ताखा ब्लाक में एक गांव में चल रही भागवत में कहा था कि जब व्यक्ति अपने और पराये की पहचान भूल जाता है तब घर में महाभारत होती है। धर्म और राजनीति दोनों में यह नीति लागू होती है। साइकिल चुनाव चिह्न से लड़ने वाले प्रत्याशियों में उनकी जीत सबसे बड़ी हुई है।
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