हिंदी फ़िल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री शबाना आज़मी आज अपना 71वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। उनका जन्म 18 सितंबर, 1950 को आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में उस वक़्त के नामी शायर-लेखक कैफ़ी आज़मी के घर में हुआ था। शबाना की मां शौकत कैफ़ी भी फिल्म एवं थिएटर अभिनेत्री हुआ करती थीं। उनके पिता कैफ़ी और मॉं शौकत कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के सदस्य थे। अभिनेत्री शबाना के भाई बाबा आज़मी सिनेमेटोग्राफर और भाभी तनवी आज़मी भी एक्ट्रेस हैं। शबाना का बचपन का नाम ‘मुन्नी’ हुआ करता था। शबाना आज़मी ने अबतक के फिल्मी करियर में 5 बार ‘बेस्ट एक्ट्रेस’ का नेशनल फिल्म अवॉर्ड अपने नाम किया है। ऐसे में इस ख़ास मौके पर जानते हैं उनके बारे में कुछ अनसुनी बातें…
साइकोलॉजी में स्नातक उत्तीर्ण हैं शबाना
जब शबाना आज़मी छोटी थी, उनका परिवार काम के सिलसिले में मुंबई शिफ्ट हो गया था। शबाना ने क्वीन मैरी स्कूल बॉम्बे से अपनी स्कूलिंग पूरी की। इसके बाद उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से साइकोलॉजी में ग्रेजुएट की डिग्री ली। उन्होंने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) पुणे से अभिनय में कोर्स किया।
शबाना ने फिल्म इंस्टीट्यूट एफटीआईआई में प्रवेश लेने का कारण बताते हुए एक बार कहा था, मुझे एक फिल्म में जया भादुड़ी (जया बच्चन) को देखने का सौभाग्य मिला। इस दौरान मैं उनकी एक्टिंग की कायल हो गई, मैंने इससे पहले कभी इतनी अच्छी परफॉरमेंस नहीं देखी थी। मैंने सोचा कि मेरे ईश्वर, अगर मैं फिल्म इंस्टीट्यूट चली जाऊं तो वह हासिल कर सकती हूं जो मैं चाहती हूं। बता दें कि शबाना आज़मी एफटीआईआई के साल 1972 बैच के पासआउट सबसे सफ़ल स्टूडेंट में से एक हैं।
सन् 1973 में शुरु हुआ था सिनेमा का सफ़र
सिनेमाई माहौल में पली-बढ़ी शबाना आज़मी का फिल्मी कॅरियर सन् 1973 में एफटीआईआई से पासआउट होने के बाद शुरु हो गया था। इस साल उन्हें ख़्वाजा अहमद अब्बास ने फिल्म ‘फ़ासला’ और कांति लाल राठौड़ ने फिल्म ‘परिणय’ के लिए साइन किया था। शबाना की पहली रिलीज फिल्म प्रसिद्ध डायरेक्टर श्याम बेनेगल की पहली डायरेक्टोरल फिल्म ‘अंकुर’ (1974) थी। यह फिल्म हैदराबाद में घटित एक सच्ची कहानी पर आधारित थी।
शबाना आज़मी को उनकी डेब्यू फिल्म ‘अंकुर’ में शानदार एक्टिंग के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्ट्रेस मिला था। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। शबाना ने ‘अर्थ’, ‘निशांत’, ‘परवरिश’ ‘मासूम’ और ‘स्पर्श’, जैसी सराहना पाने वाली फिल्मों में काम किया। शबाना को अलग तरह का किरदार को शानदार तरीके से पेश करने के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने ‘फायर’ जैसी विवादास्पद फिल्म में भी काम किया है। वेटरन एक्ट्रेस शबाना आज़मी को अब तक के कॅरियर में 5 बार फिल्म ‘अंकुर’, ‘अर्थ’, ‘खंडहर’, ‘पार’ और ‘गॉडमदर’ में दमदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है।
कमर्शियल फिल्मों में भी किया काम, जावेद अख़्तर से की शादी
शबाना आज़मी ने अपनी इमेज से हटकर कमर्शियल फिल्में जैसे ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘मैं आजाद हूं’ ‘परवरिश’ में काम करते हुए आम दर्शकों में भी अपनी पहचान बनाई। शबाना अदाकारी के अलावा अपनी निजी ज़िंदग़ी को लेकर भी सुर्खियों में रहीं। उन्होंने गीतकार-लेखक जावेद अख़्तर से शादी की। जावेद की यह दूसरी शादी थी। उनसे पहले शबाना का नाम फिल्म मेकर शेखर कपूर के साथ भी जुड़ चुका था। शबाना और जावेद के प्यार की शुरुआत शबाना के घर से ही हुई थी।
दरअसल, जावेद अख़्तर वर्ष 1970 में अभिनेत्री शबाना आज़मी के पिता कैफ़ी आज़मी से लेखन की कला सीखा करते थे। इस दौरान ही दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी थीं। बाद में इन दोनों के अफेयर की भनक मीडिया को भी लग गई। शबाना के लिए जावेद अख़्तर ने अपनी पहली पत्नी हनी ईरानी को तलाक़ दे दिया था। अभिनय के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2012 में अभिनेत्री शबाना आज़मी को भारत सरकार द्वारा देश के तीसरे सर्वोच्च सम्मान ‘पद्म भूषण’ पुरस्कार से नवाज़ा गया।
Read Also: ‘सुरों की देवी’ एम एस सुब्बुलक्ष्मी ने कई फिल्मों में किया था अभिनय