परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की सात सीटें बढ़ेंगी, 2011 की जनगणना के आधार पर होगा डिलिमिटेशन

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Jammu-Kashmir-Delimitation

जम्मू-कश्मीर में हो रहे परिसीमन के बाद सात विधानसभा सीटें बढ़ जाएंगी। इसके बाद जेएंडके विधानसभा में 83 सीटों की जगह 90 सीटें हो जाएंगी। परिसीमन की यह पूरी प्रक्रिया मार्च 2022 तक पूरी हो जाएगी। यह जानकारी परिसीमन आयोग की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा भी मौजूद थे। सीईसी सुशील चंद्रा ने जम्मू-कश्मीर के परिसीमन पर कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ही परिसीमन होगा। इस परिसीमन का जो ड्राफ्ट बनेगा उसे जनता के बीच रखा जाएगा, फिर जनता के जो सुझाव आएंगे उसे शामिल कर फाइनल ड्राफ्ट सामने आएगा।

परिसीमन साफ-सुथरे और पारदर्शी तरीके से होगा: रंजना

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की अध्यक्ष रंजना प्रकाश देसाई और मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन साफ-सुथरे और पारदर्शी तरीके से होगा और ऐसा वह आश्वासन देते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन संवैधानिक प्रक्रिया है और परिसीमन अधिनियम द्वारा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत तय प्रक्रिया चल रही है।

देसाई और चंद्रा ने कहा इस प्रक्रिया में पीओके के लिए रिक्त 24 सीटों पर गौर नहीं किया जा रहा है, क्योंकि यह परिसीमन आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। उन्होंने कहा चार दिवसीय दौरे के दौरान 290 प्रतिनिधिमंडल आयोग से मिले हैं और अपने सुझाव व ज्ञापन सौंपे हैं। परिसीमन आयोग जम्मू-कश्मीर के और भी दौरे कर सकता है। यही नहीं एसोसिएट मेंबर्स के साथ भी मीटिंग में ड्रॉप्ड प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद ही कोई फाइनल ड्राफ्ट तैयार होगा। उन्होंने कहा मार्च 2022 तक आयोग अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा।

भौगोलिक स्थिति और अन्य बिंदुओं पर गौर किया जाएगा: सीईसी

देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा जम्मू-कश्मीर में पिछला परिसीमन वर्ष 1995 में हुआ, जो वर्ष 1981 की जनगणना के आधार पर किया गया था। इस बार वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन किया जा रहा है और इसमें जनसंख्या के अलावा भौगोलिक स्थिति, संचार और अन्य कई बिंदुओं पर भी गौर किया जाएगा।

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