इस साल अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होने जा रही है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार इस साल इस यात्रा पर खतरा मंडरा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी बालटाल वाले रूट पर तैनात भारतीय सुरक्षा बलों को अपना निशाना बना सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इस साल अमरनाथ यात्रा के बीच पड़ने वाली पहाडियों के पीछे आतंकवादी छिपे होने की आशंका है।
अमित शाह ने हाल ही किया दौरा
गृहमंत्री अमित शाह ने भी आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा इंतजाम को लेकर किसी भी तरह के संतुष्टि के भाव के खिलाफ अधिकारियों को चेताया है। जम्मू-कशमीर यात्रा के दौरान अमित शाह ने तीर्थयात्रियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसपीओ) को कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया है। आतंरिक सुरक्षा के विशेष सचिव एपी माहेश्वरी ने बताया कि मंत्री ने निर्देश दिया कि पूरी यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों या ड्यूटी स्टाफ द्वारा कभी भी संतुष्टि का भाव नहीं आना चाहिए।
उन्होंने बताया कि कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। एसपीओ का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर इंतजामों की निगरानी चाहिए। माहेश्वरी ने कहा कि गृहमंत्री ने हिंसा मुक्त यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को पूरी तरह से सतर्क रहने और सभी एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए है। उन्होंने बताया कि मंत्री ने काफिलों की आवाजाही के लिए मानक संचालन प्रक्रिया की अहमियत पर बल दिया और खासकर काफिलों को वक्त पर रवाना करने पर जोर दिया।
ये खतरा मंडरा रहा है यात्रा पर
दरअसल गन्दरबल और मगाम और कंगन के इलाके की पहाड़ियां खतरनाक है। यहां से लाइन ऑफ कंट्रोल के नजदीक जम्मू कश्मीर का गुरेज सेक्टर है। पाकिस्तान हमेशा ये कोषिष करता है कि इस इलाके से आतंकियों की घुसपैठ कराई जाए। हालांकि सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के चलते इस साल कम संख्या में इस इलाके से आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब हो पाए हैं।
सूत्र का कहना है कि जो आतंकी कश्मीर में अमरनाथ यात्रा और सुरक्षा बलों पर हमला करने की साजिश रच रहे हैं, उनमें से कुछ आतंकी पाकिस्तानी है। इस तरह के हमले को देखते हुए सुरक्षा बलों ने यात्रा के दोनों रूट (पहलगाम-बालटाल) के सभी जगहों पर अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही इलाके में सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम किए गए हैं।