मोदीजी सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दे तो रहे हैं मगर इसका लाभ लेने वालों की लाइन लंबी है

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है। आज संसद में इसे लेकर सरकार बिल पास कराएगी। खैर आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण का लाभ देने की मांग काफी समय से उठती आई है और आखिरकार मोदी सरकार इसे ठीक लोकसभा चुनावों से पहले पूरी करने जा रही है। इन सबसे अलग अगर वाकई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरीब सवर्णों की स्थिती सुधारना चाहते हैं तो उनकी ये योजना गरीब सवर्णों को ज्यादा लाभ दे नहीं पाएगी और वो ऐसे कि सरकार ने सशर्त आरक्षण देने की बात कही है जिसमें 8 लाख से कम आय वाले लोगों को सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार देश में आठ लाख से कम कमाने वाले सर्वण परिवारों की संख्या काफी ज्यादा है और 10 प्रतिशत आरक्षण लागू होने से देश की 95 प्रतिशत जनसंख्या वो फिर चाहे किसी भी वर्ग की हो उसे कहीं ना कहीं आरक्षण का लाभ मिलेगा।

आरक्षण के इस भंवर में आंकड़ों का बड़ा खेल है जो आयकर विभाग और एनएसएसओ मुहैया कराता है। आर्थिक रूप से कमजोरों की बात की जाए तो देश में 1 करोड़ से ज्यादा परिवार तो ऐसे हैं जिनकी आय 8 लाख रुपए से कम है। अगर नौकरियों में आरक्षण का लाभ लेने के लिए भी इन परिवारों से लोग आवेदन करते हैं तो आगे कॉम्पिटिशन ज्यादा रहने की पूरी गुंजाइश है। वहीं आर्थिक आधार पर ये 10 प्रतिशत आरक्षण लागू होने के बाद देश की 95 प्रतिशत जनता को आरक्षण का पूरी तरह से लाभ मिलने की बातें भी कही जा रही है इसलिए गरीब सवर्णों में से कुछ लोगों के अच्छे दिन जरूर आ सकते हैं मगर कईयों को फिर भी संघर्ष करना ही पड़ेगा। हां एक अहम बात और है कि आने वाले समय में सरकार नौकरियां कितनी निकालती है ये बात भी यहां बहुत महत्वपूर्ण रहेगी।

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