मिसाल : सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर यह लड़की पहले ही अटैम्पट में बन गई जज, पढ़िए सफलता के टिप्स

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जब कुछ कर गुजरने का जज्बा होता है तो आपकी परिस्थितियां कैसी हैं, यह बात मायने नहीं रखती। मेहनत से किया गया प्रयास नि​श्चित तौर पर सफलता दिलाता है। ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है उत्तर प्रदेश की एक लड़की सौम्या ​द्विवेदी ने। सौम्या ने हाल ही पहले अटैम्पट में यूपी पीसीएस जे की परीक्षा पास कर जज बनने का गौरव हासिल किया है। आइए आपको सौम्या की सफलता की कहानी बताते हैं…।

सौम्या यूपी के देवरिया जिले की रहने वाली हैं। सैम्या ने अपनी 12वीं तक की शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की है। इसके बाद वे एलएलबी करने के लिए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी गईं। फिलहाल वे वहीं से एलएलएम की पढ़ाई कर रही हैं। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यूपी पीसीएस जे का एग्जाम दिया और पहली ही बार में क्लियर भी कर लिया। उन्होंने इस परीक्षा में 151वीं रैंक हासिल की है।

अपनी इस सफलता के बाद सौम्या ने बताया कि दस साल पहले उनकी मां आराधना द्विवेदी का देहांत हो गया था। तब से उनके पिता ही उनकी देखभाल करते हैं। उनके पापा ​पेशेे से शिक्षक हैं इसलिए सौम्या भी चाहती थीं कि वे शिक्षक बनें लेकिन उनके पिता का सपना था कि वे जज बनें। ऐसे में पापा का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने लॉ की डिग्री लेने का मानस बनाया।

अपनी तैयारी के बारे में सौम्या का कहना है कि मैंने हमेशा अपनी स्टडी को कंटीन्यू रखा, कभी भी ब्रेक नहीं आने दिया। इसके अलावा मैं कभी अलग अलग समय पर नहीं पढ़ती थी। मैं हमेशा एक ही समय पर पढ़ने बैठती थी। इसके अलावा चाहे कोई भी एग्जाम हो सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखना भी जरूरी है।

जज बनना पापा की ख्वाहिश है जो मैंने पूरी कर दी। लेकिन अब भी मेरी इच्छा पढ़ाने में है। फिलहाल कानून के क्षेत्र में तो मैं आईपीआर या आर्बीटेशन लॉ की ओर कॅरियर बनाना चाहूंगी। आज जब एक जज के तौर पर सोचती हूं तो मुझे लगता है कि इस देश की न्यायिक प्रक्रिया में वैसे कोई बुराई नहीं है। कानून सारे अच्छे हैं लेकिन जरूरी है तो उनका सही इंप्लीमेंटेशन। मैं जज के तौर पर उनका सही इंप्लीमेंटेशन कराना चाहूंगी।

पापा के सपने को पूरा करने के बाद सौम्या का कहना है, ‘आज पापा को ये सुनकर बहुत खुशी होती है, कि उनकी बेटी ने उनका सपना पूरा कर दिखाया है।’

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