दक्षिणी भारतीय राज्य तमिलनाडु में जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एआईएडीएमके की पूर्व नेता वी.के. शशिकला ने बड़ा ऐलान करते हुए राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों में एआईएडीएमके कार्यकर्ताओं को एकता बनाए रखने के लिए कहा है। साथ ही शशिकला ने डीएमके को हराने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘अम्मा मेरी बहन की जैसी थी, मैं उनके गुजरने के बाद से ही सदमे में चली गई थी लेकिन अब उबरने की कोशिश कर रही हूं। मुझे कभी सत्ता से लोभ नहीं रहा।’ शशिकला ने कहा कि मेरी बहन जयललिता के सपना को पूरा करने के लिए एआईएडीएमके को अगले 100 वर्षों तक शासन करना चाहिए। उन्होंने पार्टी के सच्चे समर्थकों का शुक्रिया भी अदा किया।
4 साल की जेल सजा के बाद फरवरी में बाहर आई
जानकारी के लिए बता दें कि ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) से निष्कासित नेता वी.के. शशिकला आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल की जेल की सजा काटने के बाद नौ फरवरी को वापस अपने घर लौटी थीं। जहां शशिकला के समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया था। हालांकि, अन्नाद्रमुक पार्टी उनसे किनारा करती दिखीं। अन्नाद्रमुक ने कहा था कि शशिकला का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।
अन्नाद्रमुक ने पार्टी से दूर रखने का दिया था संकेत
वी.के. शशिकला के राजनीति से संन्यास लेने पर तमिलनाडु की सियासत में आए बड़े भूचाल से पहले बीजेपी ने बुधवार को कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की करीबी रही शशिकला को छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ दल के अगुवाई वाले गठबंधन में शामिल करना है या नहीं, इस पर एआईएडीएमके को निर्णय लेना है। इस पर अन्नाद्रमुक ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह न तो शशिकला को और न ही उनके रिश्तेदार टीटीवी दिनाकरण नीत अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम यानि एएमएमके को पार्टी में और न ही चुनाव के लिए किए गए गठबंधन में शामिल करेगी।
जयललिता की सबसे करीबी रही थी शशिकला
वीके शशिकला का जन्म वर्ष 18 अगस्त, 1957 में तमिलनाडु राज्य के चेन्नई से 330 किलोमीटर दूर तंजौर जिले के थिरुथुरईपूंडी में हुआ था। उनकी माता का नाम कृष्णावेणी और पिता नाम विवेकानंदन है। उल्लेखनीय है कि शशिकला लगभग 30 साल तक तमिलनाडु की भूतपूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की खास सहयोगी रहीं। अपने कॅरियर की शुरुआत में वह सीएम जयललिता के कार्यक्रमों में फोटोग्राफी का काम करती थी और यहीं से जयललिता के एकदम करीब आ गई। जयललिता के निधन के बाद शशिकला वर्ष 2016 में एआईएडीएमके की महासचिव निर्वाचित हुई थी। बता दें, शशिकला तमिलनाडु में चिनम्मा (मौसी) के नाम से जानी जाती है। वह तमिलनाडु की राजनीति में अपने प्रवेश 31 दिसंबर, 2016 से सक्रिय हुई थी।
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