“दुनिया का सबसे उदास हाथी” स्पेन में डिप्रेशन और अकेलेपन की चपेट में आकर मर गया। कॉर्डोबा चिड़ियाघर ने हाथी की मौत पर शोक व्यक्त किया और अपने फेसबुक पोस्ट पर भी हाथी को याद किया।
फ्लिविया, भारतीय हाथी को तीन साल की उम्र में अपने घर से ले जाया गया था और स्पेन में कॉर्डोबा चिड़ियाघर में रखा गया था। 43 साल से हाथी अकेलेपन में रह रहा था। वो अपनी प्रजाति के दूसरे जानवरों के साथ भी अलग थलग ही रह रहा था। कई एनिमल ग्रुप्स ने इसके लिए कोशिशें भी की थीं।
43 साल से अधिक अकेले रहने के लिए उस हाथी को “दुनिया का सबसे उदास हाथी” की उपाधि दी गई थी। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार फ्लाविया 1 मार्च को हाथी के तबियत में काफी गिरावट आई और वो उठने में असमर्थ थी। वह पिछले कुछ महीनों से काफी बीमार और गंभीर रूप से उदास थी और इसी कारण उठ भी नहीं पा रही थी और अंत में उसकी मौत हो गई।
😢 Ayer amanecimos con la triste noticia del fallecimiento de nuestra querida elefanta Flavia 🐘
Con este audiovisual rendimos homenaje a ella y a su familia más cercana: los trabajadores y trabajadoras públicas del Zoo de #CórdobaEsp#HastaSiempreFlaviahttps://t.co/voOvCHMXQc— IU Córdoba Ciudad🔻 (@iucordobaciudad) March 2, 2019
जब वह जीवित थी तो कई पशु अधिकार समूह द्वारा उसे एक चिड़ियाघर, अभयारण या सफारी पार्क में ले जाने की कोशिश की ताकि वह वास्तव में अपनी प्रजातियों के अन्य जानवरों से मिल सके।
हाल के महीनों में एक पशु अधिकार समूह जिसे Pacma कहा जाता है, फ़्लेविया को उसके स्वास्थ्य में मदद करने के लिए यूरोप के एक अन्य हिस्से में सफारी पार्क में ले जाने की कोशिश कर रहा था। दुख की बात है कि वह दिन कभी नहीं आ सका।