महान क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई ) ने नया फरमान जारी किया है। ‘हितों के टकराव’ को लेकर ये दोनों पूर्व दिग्गज खिलाड़ी पहले भी विवादों में आ चुके हैं। लेकिन इस बार बीसीसीआई ने उन्हें दो हफ्ते का वक़्त दिया है। दरअसल, इस बार स्पोर्ट्स एक्सपर्ट्स पैनल और कॉमेंटेटर्स पर गाज गिरी है। बोर्ड के आदेश के अनुसार, ब्रॉडकास्ट चैनल स्टार स्पोर्ट्स के लिए कॉमेंट्री कर रहे सभी मौजूदा और पूर्व खिलाड़ियों को बीसीसीआई ने मैचों की कॉमेंट्री या बोर्ड में से किसी एक को चुनने के लिए कहा है।
निर्णय लेने के लिए दो हफ्ते का समय दे सकता है बीसीसीआई
माना जा रहा है कि बतौर स्पोर्ट्स एक्सपर्ट्स किसी पैनल में शामिल और कॉमेंट्री कर रहे पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों को बीसीसीआई कॉमेंट्री या बोर्ड दोनों में से एक चुनने के लिए अधिकतम दो हफ्ते का वक़्त दे सकता है। बीसीसीआई ने कहा है कि ये सभी एक्सपर्ट्स एक ही समय में बीसीसीआई, आईपीएल और स्टार स्पोर्ट्स के साथ जुड़कर जस्टिस आर एम लोढ़ा समिति के सुझावों का उल्लंघन कर रहे हैं। बीसीसीआई के मुताबिक़, यह सीधे तौर पर हितों के टकराव का मामला माना जाएगा।
बोर्ड के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने जारी किया आदेश
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीसीसीआई के पास ‘हितों के टकराव’ से जुड़ी एक शिकायत पहुंची थी। इसके बाद ही बोर्ड के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने इस शिकायत पर यह आदेश दिया है। जैन द्वारा पास किए गए आदेश में पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, हरभजन सिंह समेत करीब 20 पूर्व और वर्तमान क्रिकेटर्स की मौजूदगी और कॉमेंट्री करने पर सवाल उठाए गए हैं। इस आदेश में क्रिकेट एक्सपर्ट्स के एक ही समय में बीसीसीआई/आईपीएल और स्टार स्पोर्ट्स के साथ जुड़ाव पर सवाल उठाया है।
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एमपीसीए के सदस्य संजीव गुप्ता ने की थी बोर्ड को शिकायत
बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने ‘एक व्यक्ति एक पद’ के नियम पर ध्यान देते हुए कहा कि सौरव गांगुली दिल्ली कैपिटल्स के मेंटर, क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी मेंबर, स्टार स्पोर्ट्स के कमेंटेटर और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल चीफ में से किसी एक पद पर ही बने रह सकते हैं। इसके अलावा सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण भी एक ही समय में दो पदों पर हैं। वहीं मौजूदा खिलाड़ी हरभजन सिंह, पार्थिव पटेल, इरफान पठान और मनोज तिवारी अभी रिटायर नहीं हुए हैं, ऐसे में उनको कॉमेंट्री करने की इजाज़त नहीं होगी। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद ये सभी किसी एक पद पर काम कर सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दे कि, बीसीसीआई को इस बारे में शिकायत मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्य संजीव गुप्ता ने की थी, जिसके बाद बोर्ड हरक़त में आया है।