2 नवंबर के दिन बाघिन अवनि को मार गिरा देने के मामले में बड़ा खुलास हुआ है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण समिति द्वारा अवनि की मौत पर पेश की गई रिपोर्ट में बहुत सारे ऐसे खुलासे हुए हैं जिसमें बताया गया है कि नियमों को ताक पर रखकर बाघिन की हत्या की गई है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बाघिन को मारने के लिए हैदराबाद से बुलाए गए शार्प शूटर असगर अली खान के दावे को खारिज कर दिया गया है जिसमें उसने कहा था कि आत्म संरक्षण यानी सेल्फ डिफेंस में उसने अवनि को गोली मार दी थी।
बता दें कि अवनि के शिकार की जांच के लिए दो सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया था जिसमें उनके पास अवनि का शिकार किए जाने की परिस्थितियों के बारे में जांच करनी थी। कमिटी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट 27 नवंबर को पेश की है।
शार्प शूटर ने इन नियमों का किया उल्लंघन जिसके तहत मिलती है सजा
रिपोर्ट में कहा गया है कि शार्प शूटर असगर अली खान ने तीन बड़े कानूनों का उल्लंघन किया है जिसमें सजा का भी प्रावधान है। पहले तो उसने आर्म्स ऐक्ट 1958 की धारा 3 (1) को तोड़ा फिर इंडियन वेटेरिनरी काउंसिल एक्ट 1984 का उल्लंघन किया और उसके बाद द वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के साथ एनटीसीए के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स का भी उल्लंघन किया है।
केवल पहचान कर अवनि को करना था ट्रैंकुलाइज
रिपोर्ट में कहा गया है कि फॉरेस्टर मुखबिर शेख को अवनि की पहचान करने के बाद उसे ट्रैंकुलाइज करना था जिसमें भी उसने लापरवाही बरतते हुए डार्ट में 56 घंटे पुरानी दवा डाल दी थी जबकि उसे केवल 24 घंटे के भीतर ही इस्तेमाल में लाया जा सकता है। घटना के समय अवनि अपने एरिया में घूम रही थी जिसके बाद उस पर डार्ट मारा गया और जिसके बाद स्वभाविक रूप से उसको शिकारियों पर गुस्सा आया। अवनि के गुस्से को शिकारियों ने हमला समझ उस पर फायरिंग कर दी जिसमें उसकी मौत हो गई।