हिंद महासागर में इंडियन नेवी की ताकत बढ़ाएंगे ‘रोमियो’ सी-हॉक हेलीकॉप्टर, जानें इसमें क्या है ख़ास?

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भारत अब अपने पड़ोसी मुल्क चीन के हिंद महासागर में लगातार बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए तैयार है। लंबे समय से चीन हिंद महासागर में अपने पैर जमाने की कोशिश करता रहा है। स्थलीय सीमा हो या समुद्री सीमा चीन अपने पड़ोसी कमजोर देशों को हमेशा से ही आंखे दिखाता आया है। भारत जैसे देश के लिए रणनीतिक तौर पर जरूरी है कि चीन से हर क्षेत्र में मुकाबले के लिए खुद को पहले से तैयार रखें। इसी के चलते हिंद महासागर में चीन की चुनौती को कड़ी टक्कर देने के लिए भारत अपनी नेवी का आधुनिकीकरण करने में लगा है। भारतीय नेवी को पिछले एक दशक से ज्यादा समय से आधुनिक मल्टी रोल हेलीकॉप्टर की बेहद जरूरत थी। भारत के इस प्रस्ताव को हाल में अमेरिका से ​मंजूरी मिल गई है। अमेरिका ने 2.4 अरब डॉलर यानी करीब 14 हजार करोड़ की अनुमानित कीमत पर भारत को 24 मल्टी रोल एमएच-60 ‘रोमियो’ सी हॉक हेलीकॉप्टर की बिक्री को मंजूरी दे दी है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी शेयर की है। ऐसे में आइये जानते हैं एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर के बारे में..

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पनडुब्बियों और पोतों पर अचूक निशाना साधने में सक्षम

अमेरिकी डि​फेंस एविएशन कंपनी लॉकहीड मार्टिन एमएच 60 रोमियो सी-हॉक हेलीकॉप्टर का निर्माण करती है। अमेरिकी नेवी के बेड़े में शामिल और अमेरिकी निर्मित ये हेलीकॉप्टर पनडुब्बियों और पोतों पर अचूक निशाना साधने में बेहद सक्षम माने जाते हैं। इसके साथ ही रोमियो हेलीकॉप्टर समुद्र में तलाश एवं बचाव कार्यों में भी उपयोगी हैं। इसलिए इसे मल्टी रोल हेलीकॉप्टर कहा जाता है। वर्तमान में अमेरिकी नेवी में शामिल एमएच 60 रोमियो सी-हॉक हेलीकॉप्टर की गणना दुनिया के सबसे अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर में होती है। रक्षा उद्योग के विशेषज्ञों की माने तो इस हेलीकॉप्टर को जहाज, युद्धपोत और विमान वाहक पोत आदि से ऑपरेट किया जा सकता है। इस रक्षा संबंधी सौधे से भारतीय नेवी की ताकत बढ़ेगी। खासकर भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए इसकी तत्काल जरूरत बताई जाती है।

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भारतीय रक्षा बलों को युद्ध मिशन में दिलाएगा सफलता

अमेरिकी ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को कांग्रेस में अधिसूचित किया कि उसने 24 एमएच-60आर बहु उपयोगी हेलीकॉप्टरों की बिक्री को मंजूरी दे दी है। उसका कहना है कि ये हेलीकॉप्टर भारतीय रक्षा बलों को सतह रोधी और पनडुब्बी रोधी युद्ध मिशन को सफलता से अंजाम देने में सक्षम बनाएंगे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कांग्रेस को बताया कि इस प्रस्तावित बिक्री की मदद से भारत एवं अमेरिका के सामरिक संबंधों को मजबूत करके अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। उसने कहा कि इन हेलीकॉप्टर सौदे की अनुमानित कीमत 2.4 अरब डॉलर होगी। इस बिक्री से उस बड़े रक्षा साझीदार की सुरक्षा स्थिति सुधरेगी जो हिंद प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति एवं आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण कारक रहा है।

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दुनिया के सबसे अत्याधुनिक समुद्री हेलीकॉप्टर में से एक रोमियो

अमेरिका की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार भारत की इस सौदे से बढ़ी क्षमता से क्षेत्रीय खतरों से निपटने में भारत को मदद मिलेगी और उसकी गृह सुरक्षा और मजबूत होगी। नेवी के साथ ही भारत को इन हेलीकॉप्टरों को अपने सशस्त्र बलों में शामिल करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। इसमें कहा गया कि इस प्रस्तावित बिक्री से क्षेत्र में मूल सैन्य संतुलन नहीं बिगड़ेगा। बता दें कि इन रोमियो हेलीकॉप्टरों को दुनिया के सबसे अत्याधुनिक समुद्री हेलीकॉप्टर में से एक माना जाता है। ये हेलीकॉप्टर इंडियन नेवी की मारक क्षमताओं को बढ़ाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार हिंद महासागर में चीन के आक्रामक व्यवहार के मद्देनजर भारत के लिए ये हेलीकॉप्टर आवश्यक हैं।

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गौरतलब है कि हालिया वर्षों में अमेरिका और भारत दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों में और मजबूती आई है और ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिका की हाईटेक मिलिट्री हार्डवेयर के दरवाजे भारत के लिए खोलने के फैसले के बाद इसे और बल मिला है। पिछले साल सिंगापुर में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस के बीच मुलाकात के दौरान भी द्विपक्षीय रक्षा संबंध शीर्ष एजेंडे में प्रमुख रूप से शामिल था। इस बात की भी चर्चा है कि भारत रोमियो हेलीकॉप्टर डील पर लॉन्ग टर्म प्लान के साथ आगे बढ़ना चाहता है। इस प्लान में 123 रोमियो हेलीकॉप्टरों का भारत में निर्माण भी शामिल है। इस पर आगे कब मुहर लगती है यह कहना अभी जल्दबाजी होगा।

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