कौन है रिद्धिमा पांडे जिसे भारत की ग्रेटा कहा जा रहा है, अपना सुरक्षित भविष्य चाहने वालों में है शामिल

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आज के समय में जलवायु परिवर्तन बड़ा मुद्दा है, ऐसे में दुनियाभर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर सबसे ज्यादा जागरूकता बच्चों द्वारा फैलाई जा रही है। इन बच्चों ने दुनिया के नेताओं को यहां तक कहा दिया है कि तुम्हें हमारे भविष्य के साथ खेलने का अधिकार किसने दिया। जी हां, हाल में संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिवेशन में स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग ने इसी अंदाज में दुनियाभर के नेताओं को लताड़ा है।

दुनिया के 16 बच्चों में शामिल है रिद्धिमा पांडे

यही नहीं ग्रेटा अकेली ऐसी युवा लड़की है जिसने इसका बीड़ा उठाया है, बल्कि दुनिया के ऐसे 16 युवा हैं जिन्होंने यूएन में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की शिकायत दर्ज करवाई है। उनमें एक भारतीय लड़की रिद्धिमा पांडे भी शामिल है। इन बच्चों द्वारा दायर याचिका में लिखा गया है कि दुनिया के 5 देशों तुर्की, अर्जेंटीना, फ्रांस, जर्मनी और ब्राजील ने पर्यावरण संकट को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं और ये मानवाधिकारों का हनन भी कर रहे हैं।

भारत के उत्तराखंड की रहने वाली पर्यावरण एक्टिविस्ट रिद्धिमा पाण्डेय, जो अभी 11 साल की है। वह अपनी और आने वाली पीढ़ी के भविष्य की पैरवी करती हैं। दुनियाभर के ऐसे 16 बच्चों की Children vs Climate नाम की वेबसाइट है। इस पर रिद्धिमा ने अपने ब्लॉग पर लिखा है, ‘मैं बेहतर भविष्य चाहती हूं। मैं अपना भविष्य बचाना चाहती हूं। मैं हर बच्चे और आने वाली पीढ़ी का भविष्य बचाना चाहती हूं।”

पर्यावरण को लेकर काफी सजग हैं रिद्धिमा

रिद्धिमा ने इस ब्लॉग में लिखा है कि मैं 6 साल पहले, अपने परिवार के साथ नैनीताल से हरिद्वार आकर बस गईं। प्रति वर्ष जुलाई महीने में कावड़ यात्रा निकाली जाती है। इसका आयोजन गंगा नदी के किनारे होता है। लेकिन हाल के वर्षों में तापमान बढ़ने की वजह से गर्मिंयों और सर्दियों दोनों ही मौसम बेहद गरम रहने लगे हैं। तापमान के बढ़ने का प्रभाव सीधा गंगा नदी पर दिख रहा है। बारिश अधिक होने के कारण गंगा खतरे के निशान तक पहुंच जाती है, जिससे बाढ का खतरा पैदा हो जाता है। इससे वहां का बहुत नुकसान होता है। वर्ष 2013 में, रिद्धिमा और उनके परिवार ने हरिद्वार में ऐसी ही विनाशकारी बारिश देखी जिससे भयंकर बाढ़ आई और कई लोगों की जानें चलीं गई।

उसने वर्ष 2017 में भारत के एनजीटी में एक याचिका दायर कर कहा था कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं जो काफी चिंतनीय हैं। हालांकि एनजीटी ने रिद्धिमा पाण्डेय की याचिका को खारिज कर दिया लेकिन फिर रिद्धिमा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गई।

रिद्धिमा के पिता पेशे से वन्यजीव संरक्षक हैं। वह अपने पिता से काफी प्रभावित है। वह अपने पिता से ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी चीजों से बारे में सवाल करती रहती है।

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