लांसेट प्लेनेटरी हेल्थ में प्रकाशित एक सर्वेक्षण कहता है कि “भारत में वायु की गुणवत्ता इतनी खराब है कि पिछले साल देश में 1.2 मिलियन लोगों की मौत का कारण वायु प्रदूषण हो सकता है। एक अन्य शोध में जोड़ते हुए, जिसे हाल ही में जामा नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था, जिसमें कहा गया है कि वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से आपके स्वास्थ्य पर वैसा ही प्रभाव पड़ सकता है जैसा कि सिगरेट के एक पैकेट के धूम्रपान करने पर हो सकता है। यह आपके फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है और हृदय रोगों के होने का कारण भी होता है। इसके पीछे मुख्य का मुख्य कारण जमीनी स्तर की ओजोन है।
यह एक अत्यंत शक्तिशाली ऑक्सीकरण एजेंट है जो विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बनता है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक वायु प्रदूषण अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या और समय से पहले मौत के जोखिम के लिए जिम्मेदार है।
असल में इस अंतरराष्ट्रीय संस्था का मानना है कि वायु प्रदूषण से अनुमानित 4.2 मिलियन मौतें समय से पूर्व हो जाती है। इस स्थिति में, वायु प्रदूषण पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के तरीकों की तलाश करना बेहद जरूरी हो जाता है। यहां हम आपको उनके बारे में बताते हैं।