लोकसभा चुनाव की सबसे हॉट सीट वाराणसी बनते-बनते आखिरकार रह गई, क्योंकि खबर आई है कि कांग्रेस सचिव प्रियंका गांधी वहां से पीएम मोदी के सामने चुनाव नहीं लड़ रही।
कांग्रेस ने अब पीएम मोदी के सामने वाराणसी से फिर अजय राय को टिकट दिया है। माना यह जा रहा है कि प्रियंका के चुनावी मैदान में ना आने के कारण मोदी की वाराणसी से राह बेहद आसान हो सकती है। लेकिन हम आपको अभी बताने आएं हैं कि वो क्या कारण रहें जिनकी वजह से प्रियंका ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया।
1. हारने की संभावना –
2014 लोकसभा चुनाव में पूरे देश में मोदी लहर चली, उस दौरान वाराणसी से पीएम मोदी ने 3 लाख 71 हजार वोटों से भारी जीत हासिल की थी। मोदी के सामने कांग्रेस के अजय राय महज 75 हजार वोट में संतोष करना पड़ा था।
2. राजनीतिक करियर पर ब्रेक लगने का डर –
प्रियंका गांधी कुछ ही दिनों पहले सक्रिय राजनीति में उतरी है। आते ही सचिव पद की अहम जिम्मेदारी संभाल रही है, ऐसे में प्रियंका अगर मोदी के सामने पहले चुनाव में ही हारती है तो उनके राजनीतिक करियर पर अकुंश लगने के आसार दिखाई देते हैं।
3. वाराणसी नहीं देश की राजनीति में रहना चाहती हैं !
उत्तर प्रदेश से कांग्रेस महासचिव की कमान संभालने के बाद प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में घूम रही है। ऐसे में वो चुनाव के समय या उसके बाद भी अपनी राजनीति वाराणसी तक सीमित नहीं रखना चाहती है।
4. कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट सकता है !
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में आने की मांग काफी समय से हो रही थी। अब उनके आने के बाद कार्यकर्ताओं में काफी क्रेज है। अगर प्रियंका इस बार चुनाव में हारती तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं का अपनी इस युवा नेता को लेकर मनोबल टूट सकता था।