मुद्रा कैसी भी हो, उसको लेने से भला कौन मना करता है, पर हाल में देश में सिक्कों की लेन-देन को लेकर कई शहरों में विवाद सुनने में आते हैं। कोई कहता है दुकानदार सिक्के लेने से मना कर देते हैं, तो कोई कहता बैंक वाले सिक्के जमा करने से इंकार कर देते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 26 जून को विभिन्न साइज और डिजाइन के सिक्कों को लेन-देन संबंधित लोगों के बीच संदेह को दूर किया है। आरबीआई ने कहा कि दैनिक लेन-देन में विभिन्न राशि के जो भी सिक्के हैं, वे पूरी तरह से वैध मुद्रा हैं और लोगों को बिना किसी झिझक के उन्हें स्वीकार करना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा ढाले गए सिक्कों को आरबीआई लेन-देन में लाता है। साथ ही आरबीआई ने बैंकों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि कोई भी ग्राहक अपने सिक्के बदलने के लिए आए तो बैंक उन्हें अपनी शाखाओं से नहीं लौटाएं। वे ग्राहकों से छोटी राशि के सिक्कों और नोट को स्वीकार करें।
आरबीआई ने अपने बयान के माध्यम से कहा कि लोगों की लेन-देन की जरूरतों को पूरा करने के लिए समय-समय पर जो भी सिक्के चलन में लाए जाते हैं, उनकी विशेषताएं अलग होती हैं। वे विभिन्न विचारों, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक से प्रेरित होती हैं।
दैनिक लेन-देन संबंधी लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए समय-समय पर जो भी सिक्के चलन में लाए जाते हैं, उनकी विशेषताएं भी अलग होती हैं। वे विभिन्न विचारों, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व की थीम पर ढाले जोते हैं।
आरबीआई ने कहा कि सिक्के लंबी अवधि के लिए चलन में बने रहते हैं। केंद्रीय बैंक ने एक प्रेस नोट में कहा, ’’ऐसी रिपोर्ट है कि कुछ तबकों में ऐसे सिक्कों को लेकर संदेह है और इसके कारण कुछ व्यापारी, दुकानदार और लोग सिक्के लेने से मना कर देते हैं। इससे देश के कुछ हिस्सों में सिक्कों के मुक्त उपयोग और चलन बाधित हुआ है।
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इस प्रेस नोट के मुताबिक, ‘रिजर्व बैंक लोगों से अपील करता है कि वे ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं दे और इन सिक्कों को बिना झिझक वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करें। फिलहाल विभिन्न आकार-प्रकार, डिजाइन के 50 पैसा, 1 रुपया, 2 रुपया, 5 रुपया और 10 रुपए की राशि के सिक्के चलन में हैं।’
अक्सर आरबीआई को बैंक शाखाओं द्वारा सिक्कों के लेन-देन संबंधी शिकायतें मिलती रही हैं। आरबीआई ने बैंकों की इन शिकायत के लिए फिर आगाह करते हुए कहा, ‘आपको फिर से सलाह दी जाती है कि आप अपनी सभी शाखाओं को सभी राशि के सिक्कों को स्वीकार करने और उसे बदलने की सलाह दें…और इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।’