भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 23 दिसंबर को कहा कि उसने दो पेमेंट सिस्टम ऑपरेटरों मोबिक्विक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और स्पाइस मनी लिमिटेड पर नियमों के उल्लंघन के लिए मौद्रिक जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी एक आदेश के अनुसार, दोनों पेमेंट कंपनियों पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
आरबीआई ने इसलिए की कार्रवाई
इस संबंध में जारी रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने कहा कि उसने पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम अधिनियम, 2007 (पीएसएस एक्ट) की धारा 26 (6) में बता गए अपराध करने के लिए दो पेमेंट सिस्टम ऑपरेटरों पर जुर्माना लगाया है। पीएसएस एक्ट की धारा 30 के प्रावधानों के तहत रिजर्व बैंक को मिली अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जुर्माना लगाया गया है। बयान में कहा गया कि ये कार्रवाइयां रेगुलेटरी कंपलाइंस में कमियों के चलते हुई हैं और संस्थाओं की तरफ से अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर इसका कोई असर नहीं होगा।
निर्देशों का पालन नहीं किया गया
मोबिक्विक और स्पाइस मनी पर जुर्माना लगाने के फैसले के बारे में बताते हुए आरबीआई ने कहा कि दोनों ऑपरेटरों ने भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट के लिए नेट वर्थ रिक्वायरमेंट पर केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी निर्देशों का पालन नहीं किया था। कथित अपराध के लिए उन्हें नोटिस दिए जाने के बाद, मोबिक्विक और स्पाइस मनी ने रिजर्व बैंक के सामने अपना जवाब पेश किया। आरबीआई की ओर से बताया गया कि व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान समीक्षा करने के बाद निष्कर्ष निकाला गया कि निर्देशों का पालन न करने के सभी आरोप सही हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना जरूरी है।
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