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17 अक्टूबर को दिल्ली में मानवेंद्र ने अपने परिवार के साथ पहुंचकर आधिकारिक रूप से कांग्रेस जॉइन की साथ ही उनकी धर्मपत्नी चित्रा ने भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। कभी भाजपा सरकार में विदेश एवं वित्त मंत्री रहे जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र के कांग्रेस ज्वाइन करने के पीछे कई मायने निकाले जा रहे हैं।
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सबसे प्रमुख बात राजपूत समाज में वसुंधरा राजे और उनकी सरकार के पीछे बढ़ती असंतोष एवं आक्रोश है। कहा ये भी जा रहा है कि मानवेंद्र के कांग्रेस में आ जाने से राजपूत वोटों पर बड़ा असर पड़ सकता है।
राजस्थान के मरूप्रदेश में जसवंत सिंह और उनके परिवार की पैंठ काफी अच्छी रही है। भाजपा द्वारा मानवेंद्र के पिता जसवंत को साइडलाइन किए जाने के बाद से इस इलाके में भाजपा के खिलाफ रोष भी काफी उतपन्न हुआ था। उधर, जसवंत सिह पिछले कई सालों से वैंटिलेटर पर हैं।
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उन्हें सिर में गंभीर चोट आई थी, जिसके बाद से वो कभी बिस्तर से उठ ही नहीं पाए। आज वो लगभग 80 वर्ष के हो चुके हैं। मारवाड़ और मेवाड़ इलाके में जसवंत सिंह और उनके परिवार की ना सिर्फ राजपूतों में बल्कि सिंधी और मुस्लिमों में काफी अच्छी पैठ है। ऐसे में भाजपा के लिए मानवेंद्र सिंह का कांग्रेस में शामिल होना एक बड़ी क्षति माना जा सकता है।
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कांग्रेस में शामिल होने पर मानवेंद्र ने कहा कि मैंने राहुल गांधी से मुलाकात की। उन्होंने मेरा कांग्रेस परिवार में स्वागत किया। और विश्वास व्यक्त किया कि मेरा समर्थन आगामी चुनाव में और आगे होगा। यहां तक कि मुझे विश्वास है कि हमारे साथ समर्थक जो कठिन समय में खड़े थे वे अब भी हमारा साथ देंगे।
‘स्वाभिमान सेना’ जो कांग्रेस में हमारे साथ आ रही है आगामी विधानसभा में लोकसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों में पार्टी का समर्थन करेगी। देखना दिलचस्प होगा कि वसुंधरा जो राजपूत वोटों को अधिकतर अपनी ओर ही रखती थीं अब वो वोट कहां बिखरते हैं।