चुनावी मौसम में राजनीतिक पार्टियां और इनके नेता एक-दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। वर्तमान राजनीति के स्तर से हर कोई परिचित है और चिंतित भी है। देश की दो प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी के लोकसभा चुनाव के बीच आपस में हमले बढ़ गए हैं। बीजेपी जहां कांग्रेस और उसके नेताओं के पुराने चिट्ठे खोलकर जनता के सामने रख रही है। वहीं, कांग्रेस राफेल जैसे मुद्दों को आगे ला रही है लेकिन इसे भुना पाने में नाकाम साबित होती दिखती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में एक बार फिर कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधा। आइये जानते हैं पीएम मोदी ने कांग्रेस और इसके अध्यक्ष राहुल गांधी के पिता पर क्या सवाल उठाये हैं..
राजीव गांधी ने छुट्टी मनाने के लिए युद्धपोत इस्तेमाल किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामलीला मैदान में कहा कि आज की पीढ़ी को कुछ सच्चाइयों से परिचित होना जरूरी है। कांग्रेस के नामदार मुझे गाली देने में कोई कमी नहीं रखते हैं। कांग्रेस के नामदार कह रहे हैं कि सेना किसी जागीर नहीं है। देश की रक्षा करने वाली सेना को अपनी जागीर कौन समझता है, यह मैं बताऊंगा। उन्होंने कहा कि क्या आपने सुना है कि कोई अपने परिवार के साथ युद्धपोत से छुट्टियां मनाने जाए। यह हमारे ही देश में हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के नामदार परिवार ने INS विराट का अपनी टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया था। उसका अपमान किया था। यह बात 1987 की है, उस समय राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री थे और 10 दिन की छुट्टियां मनाने बंगाराम द्वीप निकले थे। गौरतलब है कि बंगाराम द्वीप भारत के लक्षद्वीप में है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि INS विराट उस समय भारतीय समुद्री सीमा की रखवाली के लिए तैनात था। गांधी परिवार के पूरे कुनबे को लेकर आईएनएस विराट 10 दिन तक बंगाराम पर रुका रहा। राजीव गांधी के साथ छुट्टी मनाने वालों में उनके ससुराल वाले भी थे। क्या विदेशी लोगों को वॉरशिप पर ले जाकर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया था? उन्होंने कहा कि नामदार परिवार की इस छुट्टी का किस्सा इतने पर खत्म नहीं होता, जिस द्वीप पर गांधी परिवार छुट्टी मनाने गया था, वहां रख-रखाव का काम भी भारतीय नौसेना ने ही किया था। मोदी ने कहा कि जब एक परिवार ही सर्वोच्च हो जाता है तो देश की सुरक्षा दांव पर लग जाती है।
निजता बरकरार रखने और छिपाने की कोशिश की गई
इंडिया टुडे में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई उसमें भी ऐसा ही दावा किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व पीएम राजीव और गांधी परिवार की इस छुट्टी की निजता बरकरार रखने और इसे छिपाने की पूरी कोशिश की गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजीव समेत गांधी परिवार INS विराट पर सवार होकर
बंगाराम द्वीप गए थे। पूरी तरह से निर्जन द्वीप का चयन इसलिए किया गया था क्योंकि यहां विदेशी नागरिकों की आवाजाही पर प्रतिबंध था। सुरक्षा और निजता की दृष्टि से यह जगह उन्हें छुट्टी मनाने के लिए अनुकूल लगी थी। उस समय लक्षद्वीप के तत्कालीन पुलिस प्रमुख पीएन अग्रवाल ने कहा था कि बंगाराम द्वीप बहुत ही सुरक्षित और दुनिया से कटा हुआ क्षेत्र है। 31 जनवरी, 1988 को इंडिया टुडे में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार ने राजीव गांधी की छुट्टी की निजता बरकरार रखने के लिए समुद्री और हवाई मार्ग से निगरानी भी की थी।
राजीव का परिवार, सोनिया के रिश्तेदार और अमिताभ बच्चन समेत कई लोग रहे शामिल
इंडिया टुडे में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक़, राजीव की छुट्टी में राहुल और प्रियंका गांधी के दोस्त, सोनिया गांधी की बहन, बहनोई और उनकी बेटी, सोनिया की मां आर माइनो, उनके भाई और मामा भी शामिल थे। इनके साथ ही दौरे में राजीव गांधी के दोस्त अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया बच्चन और उनके 3 बच्चे भी शामिल थे। तीन बच्चों में अमिताभ के भाई अजिताभ की बेटी भी शामिल थीं। रिपोर्ट के अनुसार पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण सिंह के भाई बिजेन्द्र सिंह के परिवार के साथ-साथ दो अन्य विदेशी मेहमान भी इस टूर पर शामिल थे।
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इंडिया टुडे की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राजीव गांधी की छुट्टी के दौरान युद्धपोत INS विराट पर गांधी परिवार को ले जाने के लिए इस्तेमाल करने की खबरें आती रहीं, जिस पर कई सवाल भी उठे। साथ ही कांग्रेस की ओर से यह दावा भी किया गया कि INS विराट को 10 दिनों के लिए अरब सागर में तैनात किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रधानमंत्री सचिवालय में रहे लक्षद्वीप के प्रशासक वजाहत हबीबुल्लाह ने उस समय कहा था कि राजीव गांधी को बंगाराम द्वीप में बहुत अच्छा लगा था। सितंबर में राहुल गांधी और प्रियंका ने चार दोस्तों के साथ छुट्टी मनाई थी जिसके 18,000 रुपये के बिल का भुगतान किया था। इस रिपोर्ट के अनुसार, राजीव गांधी और उनके परिवार व अन्य लोगों की छुट्टी 6 जनवरी को खत्म हुई थी।