राजस्थान की सत्ता पर आसीन कांग्रेस सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी और प्रदेश के खेल मंत्री अशोक चांदना के एक ट्वीट ने प्रदेश कांग्रेस को एक बार फिर सवालों के घेरों में ला दिया है। गहलोत सरकार पर लगातार अफसरशाही हावी होने के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन हर बार इसे दरकिनार कर दिया जाता था। अब खेल मंत्री चांदना के ट्वीट ने एक बार फिर इन आरोप को हवा दे दी है।
राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना ने गुरुवार रात करीब दस बजे एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- ‘माननीय मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है की मुझे इस ज़लालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज कुलदीप रांका जी को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री है। धन्यवाद।’
माननीय मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है की मुझे इस ज़लालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज श्री कुलदीप रांका जी को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री है।
धन्यवाद— Ashok Chandna (@AshokChandnaINC) May 26, 2022
चांदना ने तनाव में आकर ऐसा बयान दे दिया होगा: गहलोत
मंत्री चांदना के ट्वीट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन पर काम पर दबाव है। उन्होंने तनाव में आकर ऐसा बयान दे दिया होगा। हमें इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। मेरी अभी उनसे बात नहीं हुई है। वहीं, राजस्थान के एक अन्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि सीएम इस मसले पर बात करेंगे। यह पार्टी की जिम्मेदारी है कि अशोक चांदना के ट्वीट को गंभीरता से लें। मैं भी व्यक्तिगत रूप से चांदना से बात करूंगा।’
अफसरशाही हावी होने के लगातार लगते रहे हैं आरोप
राजस्थान की गहलोत सरकार पर अफसरशाही हावी होने के आरोप लगातार लग रहे हैं। इससे पहले राजस्थान युवा कांग्रेस अध्यक्ष एवं डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा, बेंगू विधायक राजेंद्र बिधूड़ी, कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर और सीएम गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा भी इसे लेकर कई बार नाराजगी जता चुके हैं। अब खेल मंत्री अशोक चांदना के इस ट्वीट ने गहलोत सरकार की सब कुछ ठीक है कि छवि पर एक बार फिर सवाल उठा दिए हैं।
एमएलए घोघरा सीएम को भेज चुके हैं अपना इस्तीफा
मालूम हो कि इससे पहले यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व एमएलए गणेश घोघरा ने मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपने पत्र में लिखा था, ‘मैं सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक हूं, लेकिन मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि राजस्थान सरकार द्वारा उक्त पदों पर पदासीन होने के बाद भी मेरी बातों को अनदेखा किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मेरी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। मुझे मेरी विधानसभा क्षेत्र की जनता की समस्याओं की आवाज उठाने पर दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इन सभी बातों को मद्देनजर रखते हुए मैं विधायक पद से अपना त्याग-पत्र प्रेषित करता हूं।’
कांग्रेस का जहाज डूबने वाला है: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष
इधर, राज्य के खेल मंत्री अशोक चांदना के इस्तीफे की पेशकश करने के बाद प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने भी गहलोत सरकार पर तंज कसा है। राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एक ट्वीट कर कहा, ‘जहाज डूबने वाला है… 2023 के रुझान आना शुरू हो गए हैं।’
जहाज़ डूब रहा है… 2023 के रुझान आने शुरू। pic.twitter.com/dk1RhEfsPr
— Satish Poonia (Modi Ka Parivar) (@DrSatishPoonia) May 26, 2022
शेखावत बोले- तो राज्य के युवाओं का क्या हाल होगा?
वहीं, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, ‘स्किल डेवलपमेंट और यूथ अफेयर्स मंत्री अशोक चांदना ने अपने पदभार को ‘जलालत’ भरा बताते हुए सीएम गहलोत से मुक्त करने की मांग की है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे युवा द्वारा ये शब्द कहना कांग्रेस सरकार को सामंतवादी साबित करता है। युवा मामलों के मंत्री यदि जलालत का अनुभव कर रहे हैं तो राज्य के युवाओं का क्या हाल होगा?’
लोकतांत्रिक व्यवस्था में इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे युवा द्वारा ये शब्द कहना कांग्रेस सरकार को सामंतवादी साबित करता है।
युवा मामलों के मंत्री यदि जलालत का अनुभव कर रहे हैं तब राज्य के युवाओं का सोचिए?#Rajasthan
— Gajendra Singh Shekhawat (मोदी का परिवार) (@gssjodhpur) May 26, 2022
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