राजस्थान में दो हफ्ते से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी सियासी उठा-पटक खत्म नहीं हुआ है। यहां राजनीतिक लड़ाई कोर्ट के जरिए लड़ी जा रही है। इसी बीच राजभवन ने शॉर्ट नोटिस पर विधानसभा सत्र बुलाने वाली कैबिनेट की फाइल को वापस लौटा दिया है। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने 31 जुलाई से विधानसभा बुलाने का राज्य सरकार का प्रस्ताव लगातार तीसरी बार ठुकरा दिया। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने के लिए बुधवार को राजभवन पहुंचे। हालांकि इस मुलाकात का नतीजा क्या रहा, इस बारे में कोई जानकारी अभी तक मीडिया के सामने नहीं आई है।
यह लड़ाई हम जीतकर रहेंगे: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में जारी राजनीतिक गतिरोध की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह लड़ाई हम जीतेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार स्थायी व मजबूत है। गहलोत कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के नए प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा पदभार ग्रहण करने के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। गहलोत ने कहा, ‘केंद्र सरकार के सहयोग से, भाजपा के षडयंत्र से, धनबल के प्रयोग से राज्य की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र चल रहा है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह जो माहौल बना है, उससे चिंता करने की जरूरत नहीं है। हमारी सरकार स्थायी और मजबूत है।’
कैबिनेट में नई शिक्षा नीति को मिली मंजूरी, एचआरडी मिनिस्ट्री का नाम बदलकर किया शिक्षा मंत्रालय
वहीं, राजस्थान में सियासी हलचल के बीच अब बहुजन समाज पार्टी यानी बसपा ने राजस्थान उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। इसके अलावा सचिन पायलट खेमे के एक वरिष्ठ विधायक ने भी राजस्थान उच्च न्यायालय में तीन याचिकाएं दायर की हैं। ये याचिकाएं कांग्रेस पार्टी द्वारा निलंबित विधायक भंवरलाल शर्मा ने बुधवार को उच्च न्यायालय में एसओजी की तरफ से दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर दाखिल की है।