शुरू हो गया मतदान का त्योहार, लोगों में दिख रहा खास होने का भाव

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‘मैं तो मॉर्निंग वॉक के साथ ही वोट दे आया’, ‘सुबह का काम निपटाकर अब जा रही हूं पोलिंग बूथ’, ‘उसके कार्यकाल में कॉलोनी का गेट तक ठीक नहीं हुआ’, ‘निर्दलीय उम्मीदवार कौन-कौन है?’, ‘वोटर आईडी की जरूरत नहीं है यूं ही जाने दे रहे हैं’, ‘शाम पांच बजे तक है ना वोटिंग?’, ‘आप हमारे भगवान हैं, हमारा खयाल रखियेगा’….।

यदि आप आज घर के बाहर निकले हैं, तो आपको यह जुमले आपके आस-पास सुनाई दिए होंगे। राजस्थान के लिए आज एक खास दिन है। पिछले कई दिनों से चुनाव आयोग जनता से अपील कर रहा था कि ‘मतदान का त्योहार जरूर मनाएं’ और राजस्थान के हर शहर का नजारा देखें तो सच में लग रहा है कि हर आम आदमी आज खास महसूस कर रहा है और शुक्रवार उसके लिए त्योहार जैसा ही है।

शहर की सड़कों, गलियों और पोलिंग बूथ पर एक अलग सी चहल पहल है। हर किसी में भारत का नागरिक होने की फीलिंग आ रही है। बुढ़े लोगों में भी ज़ज्बा कायम है लाठी या अपनों का सहारा लेकर ही सही लेकिन खुद की जिम्मेदारी निभाने पोलिंग बूथ तक पहुंच रहे हैं, वहीं महिलाएं भी आज किचन और घर के कामों से निकलकर अपनी ताकत का अहसास कराती दिख रही हैं। साथ ही वह युवा जोश भी दिख रहा है जो आने वाले भविष्य की आधारशीला है। पहली बार वोट कर रहे युवाओं के बीच एक अलग ही उत्साह है। हाथ में लग रही नीली श्याही भी उनके बीच चर्चा का विषय है, जो उन्हें बड़ा होने का अहसास करा रही है।

पोलिंग बूथ पर वोट करने तक ही यह माहौल रूक नहीं रहा, माहौल तो वोट करने के बाद बन रहा है। जब वोट करने के बाद लोग गली से लेकर देश की राजनीति तक पर चर्चा कर रहे हैं, चाय की थड़ियां राजनीतिक चर्चाओं से आबाद हैं, वोट के बाद अब जीत किसकी होगी, सत्ता में कौन आएगा, समस्याएं कैसे दूर होंगी जैसे सवालों पर विचार विमर्श हो रहा है।

यह ज़ाहिर है कि कल से फिर से वही रूटीन शुरू हो जाएगा, नतीजा कुछ भी हो, कोई भी जीते बदलाव के लिए आम आदमी परेशान होता रहेगा लेकिन खुशी इस बात की है कि लोगों में जागरूकता बढ़ गई है। आज वे खुलकर मतदान के त्योहार में शामिल हो रहे हैं। अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, अपने मत की कीमत समझ रहे हैं और समझा भी रहे हैं… धीरे धीरे ही सही कुछ बदलाव तो आ ही रहा है।

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