लोकतंत्र और राजनीति के इस सिस्टम में हर छोटा-बड़ा इंसान अपने नेता से जरूर प्रभावित रहता है। जहां पूरे 5 साल भावनात्मक संबंधों से बंधे रहने वाले कुछ लोग चुनाव के नजदीक आते ही दिन-रात उनके प्रचार में एक कर देते हैं। कुछ ऐसा ही काम किया है राजलक्ष्मी ने जो पीएम नरेंद्र मोदी के काम करने के अंदाज से खासा प्रभावित है।
राजलक्ष्मी ने मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनें इसके लिए एक बेहद ही अनोखा काम किया है। इस साल की शुरूआत में 15 जनवरी को कर्नाटक के बेंगलुरु से राजलक्ष्मी लोगों तक मोदी की योजनाओं और काम बताने अकेले बुलेट बाइक से निकल पड़ी।
राजलक्ष्मी ने बुलेट से करीब 10 राज्यों का सफर और 15000 किलोमीटर की दूरी तय कर 62 दिनों बाद आखिरकार दिल्ली पहुंची है।
राजलक्ष्मी का कहना है कि वो चाहती है कि मोदी दोबारा देश के प्रधानमंत्री बनकर आएं। इसी मकसद को लेकर राजलक्ष्मी और उनके एनजीओ की टीम ‘दिल से मोदी फिर से मोदी’ का नारा लेकर सड़कों पर निकल पड़ी। इस दौरान वो बीच में आने वाले गांवों में लोंगो से मोदी को वोट देने की अपील कर रही है।
मोदी के काम से प्रभावित राजलक्ष्मी
मोदी सरकार को लेकर राजलक्ष्मी का मानना है कि इन 5 सालों में महिला सशक्तिकरण पर जो काम हुआ है वो आज तक कोई सरकार नहीं कर पाई है।
आज युवाओं और महिलाओं में मोदी के काम को लेकर एक जोश और उत्साह है। सरकार की योजनाओं की हर तरफ तारीफ हो रही है। हालांकि राजलक्ष्मी कोई बीजेपी की कार्यकर्ता नहीं है वो निजी तौर पर अपना एक एनजीओ चलाती हैं।
कैसे तय किया बुलेट से इतना लंबा सफर
राजलक्ष्मी के लिए बुलेट से इतना लंबा सफर तय करना कोई आसान नहीं था। राजलक्ष्मी अपने सफर के दौरान 10 राज्यों (कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली) से गुजरी जिस दौरान कुल 172 जिले कवर हुए। उनके साथ उनकी एनजीओ की टीम के कुछ लोग थे। दिल्ली पहुंचने तक बाइकर्स राजलक्ष्मी के साथ जुड़ते चले गए।
गौरतलब है कि राजलक्ष्मी ने इससे पहले कमर में बेल्ट बांधकर लोडर ट्रक को खींचा था जिसके लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।