राज कपूर हिंदी सिनेमा के वो करिश्माई अभिनेता थे जिन्हें ना सिर्फ देश में प्यार मिला, बल्कि विलायती देशों में भी खूब सम्मान और मोहब्बत मिलीं। राज फिल्म अभिनेता होने के साथ ही एक सफल फिल्म डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी थे। अपनी दमदार अदायगी की बदौलत वह हिंदी सिनेमा के ‘शोमैन’ कहलाए। हिन्दी सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले राज कपूर ने अपने करियर में 11 ‘फिल्मफेयर अवॉर्ड’ और 3 ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ अपने नाम किए। उन्हें सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा ‘पद्म भूषण अवॉर्ड’, ‘दादासाहेब फाल्के पुरस्कार’ और ‘फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया। 2 जून को भारतीय सिनेमा की दिग्गज हस्ति राज कपूर की 35वीं डेथ एनिवर्सरी है। इस अवसर जानिए उनके बारे में कुछ रोचक बातें…
पेशावर के एक पठानी हिंदू परिवार में हुआ जन्म
राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर, 1924 को भारत के बंटवारे से पहले पेशावर पाकिस्तान में एक पठानी हिंदू पृथ्वीराज कपूर के घर में हुआ था। राज का पूरा नाम रणबीर राज कपूर था। उनके पिता जाने माने थियेटर आर्टिस्ट और फिल्म कलाकार थे। राज को अभिनय के गुर विरासत में मिले। वह अपने तीन भाईयों में सबसे बड़े थे। उनके बाकी दोनों भाई शशि कपूर और शम्मी कपूर भी अपने जमाने के लोकप्रिय अभिनेता रहे।
अभिनेता राज कपूर के जन्म के पांच साल बाद 1929 में पृथ्वीराज कपूर पेशावर छोड़ मुंबई आकर रहने लगे। राज की प्रारंभिक पढ़ाई कलकत्ता और देहरादून से हुई मगर पढ़ाई में कम दिलचस्पी होने के कारण उन्होंने पढ़ाई से दूरी बना ली। राज कपूर सिने करियर के शुरुआती दौर में संगीत निर्देशक बनना चाहते थे। मगर दमदार एक्टिंग के कारण उन्हें अभिनेता के रूप में लोगों स्वीकार किया।
करियर की शुरुआत में स्पॉटब्वॉय का काम किया
राज कपूर ने करियर के शुरुआती दौर में कई मुसीबतों का सामना किया। उन्होंने ‘रंजीत मूवीकॉम’ और ‘बॉम्बे टॉकीज’ प्रोडक्शन हाउस में बतौर स्पॉटब्वॉय काम किया। वहीं, बतौर बाल कलाकार महज 11 साल की उम्र में फिल्म ‘इंकलाब’ फिल्म में काम किया। इस फिल्म के बाद उन्होंने मशहूर अदाकारा मधुबाला के साथ साल 1947 में आई फिल्म ‘नीलकमल’ में बतौर लीड एक्टर काम किया। उस वक्त राज कपूर की उम्र महज 24 साल थी।
सिने करियर का टर्निंग प्वॉइंट
वर्ष 1948 में महज 24 साल की उम्र में राज कपूर ने ‘आर.के’ स्टूडियो की स्थापना की थी और इसी के साथ वे अपने समय के सबसे यंग डायरेक्टर कहलाए। अपने बैनर तले उन्होंने फिल्म ‘आग’ बनाई जिसमें अभिनय और निर्देशन राज कपूर ने किया। फिल्म में उनके अलावा नरगिस, कामिनी कौशल और प्रेमनाथ मुख्य किरदार में थे।
वर्ष 1949 में उन्होंने महबूब खान की हिट फिल्म ‘अंदाज़’ में दिलीप कुमार और नरगिस के साथ सह-अभिनय किया जो एक अभिनेता के रूप में उनकी पहली बड़ी सफल फिल्म थी। इसी साल राज कपूर की फिल्म ‘बरसात’ रिलीज हुई, जिसकी सफलता ने राज कपूर को फिल्म इंडस्ट्री में बतौर सफल निर्माता, निर्देशक और अभिनेता के रूप में पहचान दिलाई।
इन फिल्मों के जरिए हमेशा किया जाएगा याद
राज कपूर की बेहतरीन फिल्मों में ‘आवारा’ (1951), ‘अनहोनी’ (1952), ‘आह’ (1953), ‘श्री’ 420 (1955), ‘जागते रहो’ (1956), ‘चोरी-चोरी’ (1956), ‘अनाड़ी’ (1959), ‘जिस देश में गंगा बहती है’ (1960), ‘छलिया’ (1960), ‘दिल ही तो है’ (1963) जैसी फिल्में शामिल हैं।
शादी के बावजूद हमेशा जुड़ा को-स्टार के साथ नाम
अभिनेता राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर ने वर्ष 1946 में उनकी शादी अपने मामा की बेटी कृष्णा से करवाईं। उस वक्त राज की उम्र महज 22 साल थी। इसके बावजूद उनका नाम उस दौर की कई मशहूर अभिनेत्रियों के साथ जुड़ा। राज अभिनेत्री वैजयंती माला, नरगिस और पद्मिनी के साथ अपने रिश्ते को लेकर पत्रिकाओं की सुर्खियों में भी रहे। हिंदी सिनेमा की नामी शख्सियत राजकपूर और उनकी पत्नी कृष्णा के तीन बेटे रणधीर कपूर, ऋषि कपूर, राजीव कपूर और दो बेटियां रितु नंदा और रीमा जैन हैं।
‘पद्मश्री’ से सम्मानित प्रथम अभिनेत्री नरगिस दत्त का महज़ छह साल की उम्र में शुरू हो गया था करियर