रेलवे ने 167 साल के इतिहास में माल ढुलाई का बनाया रिकॉर्ड, कोरोना में खाली ट्रैक का मिला फायदा

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वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान भारतीय रेलवे माल परिवहन के लिए सर्वाधिक पसंदीदा परिवहन बन गया। दरअसल, देशभर में कोविड-19 महामारी के कारण कम पैसेंजर ट्रेनों के संचालन से मालगाड़ियों को परिवहन के लिए ट्रैक खाली मिल रहा है। इसका फायदा यह हुआ कि पहले की तुलना में ज्यादा और तेजी से सामान एक से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि भारतीय रेलवे ने जनवरी 2021 में अपने 167 साल के इतिहास में सबसे अधिक रिकॉर्ड 119.79 मिलियन टन माल ढुलाई कर एक नया कीर्तिमान बनाया है।

सामान ढुलाई का दो साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा

भारतीय रेलवे की जानकारी के अनुसार, जनवरी 2021 में रेलवे ने रिकार्ड 119.79 मिलियन टन सामान की ढुलाई की है। इससे पहले रेलवे ने मार्च 2019 में 119.74 मिलियन टन सामान की ढुलाई की थी। 01 अप्रैल, 2020 से 12 फरवरी, 2021 के दौरान माल ढुलाई से रेलवे को 99 हजार 605 करोड़ रुपये की कमाई हुई। जो बीते वर्ष 1 अप्रैल 2019 से 11 फरवरी 2020 की कमाई 98 हजार 833 करोड़ से 0.8 फीसदी ज्यादा है। फरवरी 2021 के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय रेलवे का लदान 30.54 मिलियन टन था। इसमें 13.61 मिलियन टन कोयला, 4.15 मिलियन टन, लौह अयस्क, 1.04 मिलियन टन, खाद्यान्न, 1.03 मिलियन टन, उर्वरक, 0.96 मिलियन टन खनिज तेल और 1.97 मिलियन टन सीमेंट (क्लिंकर को छोड़कर) शामिल है।

रेलवे माल ढुलाई को आकर्षक बनाने के लिए दे रहा रियायतें

भारतीय रेलवे द्वारा माल ढुलाई को आकर्षक बनाने के लिए कई रियायतें और छूट भी दी जा रही हैं। इसके अलावा नए व्यवसाय को आकर्षित करने और अन्य मौजूदा ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेल मंत्रालय ने लौह और इस्पात, सीमेंट, बिजली, कोयला, ऑटोमोबाइल और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी सेवा प्रदाताओं के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठकें भी कर रहा है। रेलवे साथ ही जोनल और मंडल स्तरों पर बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट्स और माल ढुलाई की गति को दोगुना करने का भी प्रयास कर रहा है।

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