कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन कर चुनावी जीत के लिए प्रार्थना की। पिछले कुछ दिनों से आस्था के जरिए लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे राहुल चाहते हैं कि भगवान का आशीर्वाद उन पर बना रहे और उनकी पार्टी इस बार भारी मतों से जगह बनाए। गौरतलब है कि महाकाल दर्शन से गांधी परिवार का रिश्ता पुराना रहा है। राहुल से पहले उनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पिता राजीव गांधी और माता सोनिया गांधी भी महाकाल का दर्शन कर चुके हैं। कांग्रेस ने ट्वीटर हैंडल पर इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और राहुल के महाकाल दर्शन की तस्वीरें पोस्ट कर हिन्दुत्व पर टारगेट किया है।
भस्मारती में शामिल हुईं थीं इंदिरा
इंदिरा गांधी महाकाल मंदिर में पूजन के लिए 29 दिसंबर 1979 को गई थीं। उस समय भस्मारती चल रही थी। आरती होने के बाद उन्होंने गर्भगृह में जाकर 35 मिनट तक अभिषेक पूजन किया था। वहीं साल 1989 में राजीव गांधी भी महाकाल मंदिर आए थे। भगवान महाकालेश्वर की पूजा के साथ उन्होंने आधे घंटा मंदिर परिसर में व्यतीत किया था। इसके अलावा भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू भी 11 नवंबर 1959 को उज्जैन आए थे, हालांकि किन्हीं कारणों से वे महाकाल मंदिर नहीं जा पाए थे।
आस्था या चुनावी दावपेंच
राहुल गांधी ने उत्तराखंड के विधानसभा चुनावों के समय भी यही तरीका अपनाया। वहां भी उन्होंने कई मंदिरों में जाकर देवी-देवताओं के दर्शन किए और महंतों व पुजारियों से आशीर्वाद लिया। हालांकि चुनाव में इसका खास फायदा नहीं मिल सका था। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी मंदिरों में जाने को लेकर उतने उत्सुक नहीं दिखे। इसका कारण यह था कि राज्य में मुस्लिम आबादी अधिक है और इससे मुसलमान वोटर उनसे नाराज हो सकते थे। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले राहुल गांधी ने कैलाश मानसरोवर जाकर भगवान शंकर से आशीर्वाद लिया था। राहुल शंकर भगवान को अपना आराध्य मानते हैं।