देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्र सरकार की सलाह पर राज्यसभा के लिए दो सदस्यों को मनोनीत किया है। इसमें पूर्व पत्रकार व राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी का नाम शामिल हैं। बता दें, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वपन दासगुप्ता को राज्यसभा का दोबारा सदस्य मनोनीत किया है। उनके इस्तीफे के कारण उनकी सीट रिक्त हो गई थी। दासगुप्ता को अब उनके बचे कार्यकाल यानि 24 अप्रैल, 2022 तक के लिए फिर से राज्यसभा सदस्य मनोनीत किया गया है।
बंगाल चुनाव से पहले दासगुप्ता ने दे दिया था इस्तीफा
जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व पत्रकार स्वपन दासगुप्ता ने इस साल मार्च में अपनी राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद भाजपा ने उन्हें पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था। हालांकि, वह चुनाव में जीत दर्ज नहीं कर सके। अब केंद्र की सलाह पर उन्हें राष्ट्रपति ने दोबारा राज्यसभा के लिए नामित किया है। पूर्व पत्रकार दासगुप्ता को साहित्य और शिक्षा में उनके योगदान के लिए साल 2015 में देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्मभूषण’ मिल चुका है।
पिछले एक दशक में उन्होंने कई भारतीय टेलीविजन पर सबसे अधिक बार दिखने वाले चेहरों में से एक होने का गौरव हासिल किया है। उन्हें अंग्रेजी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की सभी प्रमुख राजनीतिक बहसों में देखा जाता रहा है। इससे पहले वह कई जाने-माने अखबारों के लिए भी काम कर चुके थे।
राम जेठमलानी के बेटे महेश भी राज्यसभा सदस्य मनोनीत
राष्ट्रपति ने वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी को भी राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। उन्हें दिवंगत सांसद रघुनाथ महापात्रा की रिक्त हुई सीट पर नामित किया गया। महेश देश के मशहूर वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे राम जेठमलानी के बेटे हैं। महेश जेठमलानी ने सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स ऑफ आर्ट्स की पढ़ाई की है। उन्हें साल 2004 में वरिष्ठ वकील घोषित किया गया था। जेठमलानी कई हाई प्रोफाइल मामलों में सुप्रीम कोर्ट और कई हाईकोर्ट में अपने मुव्वकिल की पैरवी कर चुके हैं।
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