बर्थडे: प्रसून जोशी ने महज 17 साल की उम्र में लिख दी थी अपनी पहली किताब

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हिंदी फिल्मों के मशहूर गीतकार, स्क्रीनराइटर, एड गुरु व कवि प्रसून जोशी आज अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। प्रसून का जन्म 16 सितम्बर, 1971 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था। उनके पिता डी.के. जोशी राज्य सरकार में पीसीएस अधिकारी (शिक्षा विभाग, अतिरिक्त निदेशक) पद थे। वहीं उनकी मां सुषमा जोशी राजनीतिक विज्ञान की व्याख्याता थीं। प्रसून ने ऑल इंडिया रेडियो के लिए करीब तीन दशक तक फ्रीलांस काम किया। उनके माता-पिता दोनों ही शास्त्रीय संगीत में पारंगत थे। इसका असर प्रसून के जीवन पर भी रहा है। इसी वजह से संगीत को लेकर उनकी समझ वक़्त के साथ और बेहतर होती चली गई। आज प्रसून जोशी देश में कला के क्षेत्र की बड़ी शख्सियतों में से एक हैं। इस खास अवसर पर जानते हैं उनके जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…

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बीएससी ग्रेजुएट और एमबीए पास आउट है प्रसून

उच्च शिक्षित परिवार में जन्मे प्रसून जोशी का बचपन अल्मोड़ा में बीता। वहीं, उनकी स्कूल शिक्षा भी पूरी हुई। उन्होंने बीएससी डिग्री करने के बाद फिजिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद ग़ाजियाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी से एमबीए की डिग्री ली। एमबीए के दौरान ही उन्होंने तय कर लिया था कि उनकी दिलचस्पी कल्चर और आर्ट में हैं, वह एडवरटाइजिंग में अपना कॅरियर बनाएंगे। प्रसून जोशी की शुरुआती रचनाओं की बात करें तो उन्होंने महज 17 साल की उम्र में अपनी पहली किताब ‘मैं और वो’ नाम से लिखी थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली में एडवरटाइजिंग, मार्केटिंग और पीआर कंपनी ‘ओगिल्वी एंड मे​थर’ से की थी।

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मात्र 10 साल में प्रसून जोशी को कंपनी ने अपने मुंबई स्थित ऑफिस का एक्जीक्यूटिव क्रिएटिव डायरेक्टर नियुक्त कर दिया। वर्ष 2002 में उन्होंने मैक्कन इरिक्शन जॉइन कर लिया और उन्हें एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और नेशनल क्रिएटिव डायरेक्टर नियुक्त किया गया। साल 2006 में कंपनी ने उन्हें साउथ और साउथ ईस्ट एशिया का रिजनल क्रिएटिव डायरेक्टर बना दिया। दिसंबर, 2006 में कंपनी ने उनका प्रमोशन करते हुए मैक्कन वर्ल्डग्रुप इंडिया का एक्जीक्यूटिव चेयरमैन और एशिया पैसिफिक का रिजनल क्रिएटिव डायरेक्टर पद की जिम्मेदारी सौंपी। उन्हें द्वारा बनाए गए प्रसिद्ध एड में एनडीटीवी (सच दिखाते हैं हम), सफोला (अभी तो मैं जवान हूं), एलजी, मैरिको, एल्पेनलिबे, क्लोरोमिंट, कोका-कोला आदि शामिल हैं।

10 साल तक एड और मार्केटिंग के बाद फिल्मों में आए

अपने कॅरियर के शुरुआती 10 साल तक एडवरटाइजिंग और मार्केटिंग फील्ड में काम करने के बाद प्रसून जोशी ने फिल्मी दुनिया के लिए काम करना शुरु कर दिया था। साल 1999 में आई फिल्म ‘भोपाल एक्सप्रेस’ में उन्होंने बतौर गीतकार काम किया था। लेकिन उन्हें फिल्मी दुनिया में पहचान बनाने में थोड़ा समय लगा। वर्ष 2004 में रिलीज फिल्म ‘हम तुम’ के लिखे गीतों के जरिए प्रसून की पहचान बनना शुरू हो गई थी। इसके बाद साल 2006 में रिलीज आमिर खान की फिल्म ‘रंग दे बसंती’, ‘फना’ और ‘तारे जमीन पर’ के लिए लिखे गीतों से वह बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार बन गए। उन्होंने आमिर खान समेत बॉलीवुड के कई बड़े स्टार्स की फिल्मों के लिए सुपरहिट गीत लिखे हैं।

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साल 2017 से सीबीएफसी के चेयरमैन हैं ‘पद्मश्री’ प्रसून

प्रसून जोशी ने अपने अब तक के फिल्मी ​करियर में ‘ब्लैक’, ‘दिल्ली 6’, ‘तारे जमीन पर’, ‘आरक्षण’ ‘सत्याग्रह’, ​’भाग मिल्खा भाग’ ‘नीरजा’, विश्वरूपम-2 और ‘मणिकर्णिका’ जैसी फिल्मों के लिए काम किया है। उन्होंने आमिर खान स्टारर फिल्म ‘रंग दे बसंती’ के भी डायलॉग्स लिखे थे और वर्ष 2014 में रिलीज़ फरहान की फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ की स्क्रिप्ट भी लिखीं। इसके अलावा प्रसून ने वर्ष 2019 में रिलीज़ कंगना रनौत स्टारर फिल्म ‘मणिकर्णिका’ के भी डॉयलॉग्स लिखे हैं।

उन्होंने साल 1999 में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री करने के बाद भी वर्ष 2007 तक जॉब की थी। साल 2015 में प्रसून जोशी को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा देश के चौथे सर्वोच्च पुरस्कार ‘पद्मश्री’ से नवाज़ा गया। प्रसून अगस्त 2017 से सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के चेयरमैन हैं।

हिंदी फिल्मों के लिए 1500 से अधिक गीत लिखने वाले अंजान को इस बात का हमेशा रहा मलाल

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