पॉर्न देखने के मामले में भारत के लोग काफी आगे हैं लेकिन मनोरंजन से इतर यह पॉर्न कई मामलों में परेशानी का सबब बनता जा रहा है। शायद यही वजह है कि दूरसंचार विभाग ने देश में इंटरनेट सेवा उपलब्ध करवाने वाले तमाम सर्विस प्रोवाइडर्स को आदेश दिया है कि वे 827 पॉर्न वेबसाइटों को ब्लॉक कर दें।
बालात्कार के दोषी ने कहा पहले देखा था पॉर्न
यह आदेश उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस फ़ैसले के बाद दिया गया जिसमें उन्होंने देश में पॉर्न वेबसाइटों को बंद करने की बात कही थी। हाईकोर्ट में बलात्कार के एक मामले की सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने कहा था कि उसने पीड़िता का बलात्कार करने से पहले पॉर्न वीडियो देखा था। यह बात सुनकर हाईकोर्ट ने सख्त कदम उठाने की बात कही थी।
दूरसंचार विभाग के इस आदेश के बाद पॉर्नहब सहित कई जानी मानी पॉर्न वेबसाइट भारत में खुलनी बंद भी हो गईं।
इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने #PORNBAN के साथ अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दिया।
क्या सच में लग सकती है रोक?
सरकार कदम उठा रही है लेकिन फिर भी सवाल जहन में आता है कि क्या सर्च में इन पॉर्न साइट पर रोक लग सकती है? साल 2015 में भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लगभग 850 पॉर्न वेबसाइटों ब्लॉक कर दिया था।
लेकिन इसके कुछ वक़्त बाद ही तमाम तरह की नई वेबसाइटें हमारे इंटरनेट के मायाजाल में उपलब्ध हो गईं।
2017 में हुई थी 75 प्रतिशत वृद्धि
दुनियाभर में पॉर्न सामग्री उपलब्ध करवाने वाली जानी मानी वेबसाइट पॉर्नहब के एक सर्वे में यह बात सामने आई थी कि साल 2017 में भारत में पॉर्न वीडियो देखने में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इसकी सबसे बड़ी वजह मोबाइल डेटा का बहुत ज़्यादा सस्ता होना बताया गया था।
दुनियाभर में तुलना करें तो भारत पॉर्न देखने के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश है। साल 2014 तक भारत पांचवे पायदान पर था।
पॉर्न पर क्या है क़ानून?
जब किसी क्षेत्र में किसी चीज़ की बहुत अधिक मांग हो तो उसे प्रतिबंधित करना उतना ही मुश्किल हो जाता है। कुछ-कुछ यही हाल भारत में पॉर्न के बारे में कहा जा सकता है। भारत में फ़िलहाल पॉर्न को नियंत्रित करने के लिए कोई विशेष क़ानून नहीं है।