कभी क्रिकेट पिच पर अपना हुनर दिखाने वाले गौतम गंभीर अब राजनीति में अपना हाथ आजमाने आए हैं। पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने शुक्रवार 22 मार्च को आधिकारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा है।
उन्होंने अक्सर अपने राजनीतिक कमेंट्स के लिए ट्विटर का इस्तेमाल किया है। वह दिल्ली सरकार, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और यहां तक कि भाजपा पर भी उंगली उठाते रहे हैं। आइए जानते हैं कब कब गंभीर ने ट्वीटर पर सुर्खियां बोटरी थीं।
जब गंभीर ने कहा कि वह राजनीति में कभी नहीं आएंगे
Thanks @narendramodi @PMOIndia for the kind words. Nothing of this would have been possible without love and support of our fellow countrymen. All these deeds are dedicated to our country. pic.twitter.com/3P3HcViIJ5
— Gautam Gambhir (Modi Ka Parivar) (@GautamGambhir) December 16, 2018
पिछले साल 16 दिसंबर को गंभीर ने नरेंद्र मोदी द्वारा एक लेटर शेयर किया था, जिसमें प्रधानमंत्री ने उन्हं” “एक भरोसेमंद सलामी बल्लेबाज” कहा था जो अक्सर टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
गंभीर के क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा करने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री के पत्र में लिखा था कि कि उनके फैसले ने उनके जीवन की “एक नहीं बल्कि कई पारियों” की शुरुआत की।
There have been speculative stories that I am joining politics. Please allow me to clarify that there’s no truth in this. At the moment, I am merely a retired cricketer who like all of you is waiting for India’s series win in Australia.
— Gautam Gambhir (Modi Ka Parivar) (@GautamGambhir) January 3, 2019
इस पर ट्वीटर पर ट्रेंड करने लगा था कि गंभीर अब एक्टिव पॉलिटिक्स ज्वाइन करने वाले हैं। हालांकि, नए साल में कुछ दिन, गंभीर ने ट्विटर पर घोषणा की कि वह राजनीति में कभी शामिल नहीं होंगे।
गंभीर की AAP कंसंट्रेशन
छँटा धुआँ, निकला Muffler में लिपटा fraud! So @ArvindKejriwal @BJP4India Who’ll pay this fine? Of course me, the taxpayer. I wish I had the option of saying that my tax is not for Delhi CM’s callousness.Air pollution:NGT slaps Rs 25 crore fine on Delhi govt https://t.co/bpRxT4hqkH
— Gautam Gambhir (Modi Ka Parivar) (@GautamGambhir) December 3, 2018
गंभीर अरविंद केजरीवाल की सरकार में दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) के शासन का खुले तौर पर आलोचना करते आए हैं। कई मौकों पर उन्होंने इस बात पर अपनी असहमति जताई है कि दिल्ली सरकार ने शहर के प्रदूषण को नियंत्रित नहीं किया।
More than 2 crore people in Delhi…thousand problems.. and what a solution… Another CM @ArvindKejriwal special DHARNAA.. Shame !
— Gautam Gambhir (Modi Ka Parivar) (@GautamGambhir) February 23, 2019
गंभीर ने केजरीवाल पर अखबार में विज्ञापन होने के कारण हमला बोला।
Today’s newspapers seemed to me a “Mall Of Kejriwal” with @AamAadmiParty advertisements splashed all over. Is this the taxpayer’s money being splurged callously? Can someone from his office or @AamAadmiParty explain? And we thought CM didn’t have money to contest elections!!! pic.twitter.com/gJig0F06yu
— Gautam Gambhir (Modi Ka Parivar) (@GautamGambhir) February 23, 2019
गंभीर ने राजनीतिक विज्ञापनों पर टैक्स के पैसे खर्च करने के लिए भाजपा और कांग्रेस को भी फटकार लगाई थी।
कश्मीर पर उग्र रुख
गंभीर राष्ट्रवादी होने का दावा करने वाले गौतम गंभीर ने पुलवामा में आतंकी हमले के बाद घाटी में अलगाववादियों की जल्द ही निंदा की। इस हमले सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए।
Yes, let’s talk with the separatists. Yes, let’s talk with Pakistan. But this time conversation can’t be on the table, it has to be in a battle ground. Enough is enough. 18 CRPF personnel killed in IED blast on Srinagar-Jammu highway https://t.co/aa0t0idiHY via @economictimes
— Gautam Gambhir (Modi Ka Parivar) (@GautamGambhir) February 14, 2019
यहां तक कि उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा से हुर्रियत नेताओं को प्रदान किए गए सुरक्षा कवर को वापस लेने का आग्रह किया।
While our men are being mercilessly killed why should we give security to Hurriyat leaders? Come on @BJP4India lets do away with any such gestures. And in case whom must these leaders fear? We need security FROM Hurriyat rather than FOR them #PulawamaAttack
— Gautam Gambhir (Modi Ka Parivar) (@GautamGambhir) February 16, 2019
गंभीर ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ भी ट्विटर पर बहस की। क्रिकेट के बाद अब गंभीर क्या राजनीति में भी गंभीर रहते हैं ये देखना बाकी है।