भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को 13वीं ब्रिक्स समिट (BRICS Summit) की अध्यक्षता करेंगे। जानकारी के अनुसार, इस बार समिट पूरी तरह से वर्चुअली आयोजित होगा। इसमें भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इस समिट को लेकर माना जा रहा है कि बैठक में सभी देशों का ध्यान अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद बदलते हालात के मुद्दे पर होगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
मोदी के अलावा चार देशों के राष्ट्रपति ब्रिक्स में शामिल होंगे
विदेश मंत्रालय ने बताया कि पीएम मोदी गुरुवार को वर्चुअल फॉर्मेट में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इसके बारे में और जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा भी बैठक में भाग लेंगे। 13वें शिखर सम्मेलन का विषय ‘ब्रिक्स @15: निरंतरता, समेकन और आम सहमति के लिए इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग’ है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए प्राथमिकता वाले चार क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की है। इनमें बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार, आतंकवाद का मुकाबला, ‘एसडीजी’ प्राप्त करने के लिए डिजिटल और तकनीकी औजारों का उपयोग तथा लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना शामिल हैं। इन विषयों के अलावा समिट में कोरोना का प्रभाव और अन्य मौजूदा वैश्विक तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा।
समिट में विभिन्न रिपोर्ट की जा सकती हैं पेश
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाकार (एनएसए) अजीत डोभाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मार्कोस ट्रॉयजो, ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल के अस्थायी अध्यक्ष ओंकार कंवर तथा ब्रिक्स वुमन बिजनेस एलायंस की अस्थायी अध्यक्ष संगीता रेड्डी विभिन्न रिपोर्ट पेश करेंगे। इधर, इस बीच भारत में रूसी राजदूत निकोलाय कुदाशेव ने कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति पर प्रमुख रूप से चर्चा होने की उम्मीद है।
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