पीएम मोदी ने कैबिनेट बैठक में सभी मंत्रालयों के लिए तय किया एजेंडा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कामकाज की शैली के लिए भी अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। उसी को एक बार फिर से साबित करते हुए पीएम मोदी अपने दूसरे कार्यकाल की शेष अवधि के लिए सभी मंत्रालयों के कामकाज का एजेंडा तय कर दिया है। जानकारी के अनुसार, सभी मंत्रालय अब अगले तीन साल तक प्रधानमंत्री मोदी के तय एजेंडे पर काम करेंगे। इस संबंध में मंत्रिपरिषद की मैराथन बैठक इसी महीने स्वतंत्रता दिवस के बाद होने वाली है। इस दौरान पीएम मोदी अपने भावी एजेंडे पर विस्तार से चर्चा करेंगे। बता दें कि मंत्रिपरिषद की तीन दिवसीय बैठक पहले मंगलवार से होनी थी, लेकिन स्वतंत्रता दिवस के आयोजनों के कारण इसे फिलहाल टाल दिया गया है।

कैबिनेट की बैठक बुला कर उसके कामकाज की समीक्षा होगी

जानकारी के अनुसार, बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से जायजा लेंगे कि कैबिनेट मंत्रियों ने अपने-अपने राज्य मंत्रियों का किस प्रकार कार्य विभाजन किया है। पीएम जरूरत पड़ने पर जूनियर मंत्रियों को लेकर कैबिनेट मंत्रियों को दिशा-निर्देश भी दे सकते हैं। मालूम हो कि मंत्रिमंडल विस्तार के तत्काल बाद प्रधानमंत्री ने कैबिनेट मंत्रियों से राज्य मंत्रियों को तत्काल जिम्मेदारी देने को कहा था। पीएम मोदी हर तीन महीने पर इसी तरह मंत्रिपरिषद की बैठक बुला कर उसके कामकाज की समीक्षा करेंगे। वह चाहते हैं कि मंत्रालय में गतिशीलता बनी रहे और जिम्मेदारी का दबाव भी बना रहे।

सरकार के कामकाज में तेजी लाना चाहते हैं मोदी

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार के कामकाज में तेजी लाना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि मंत्रालयों से जुड़े अहम कार्य पहली प्राथमिकता बने। इसके लिए अलग-अलग मंत्रालय के लिए अहम कार्यों की सूची तैयार की गई है। सूची में वरीयता के आधार पर कार्यों को स्थान दिया गया है। जल्द ही होने वाली मंत्रिपरिषद की बैठक में वित्त मंत्रालय, स्वास्थ्य, कृषि और पर्यटन मंत्रालय पर प्रमुखता से चर्चा होगी। इसमें अर्थव्यवस्था में तेजी लाने, टीकाकरण अभियान को इसी साल पूरा करने, कृषि और उद्योग क्षेत्र से जुड़े नीतिगत मामलों और पर्यटन क्षेत्र में सुधार पर चर्चा होगी।

मंत्रालयों के सचिवों की भी जवाबदेही तय करेंगे पीएम

प्रधानमंत्री मोदी पहले से चल रही सरकार की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे। योजनाओं में धीमी प्रगति और तय होने के बावजूद शुरू न होने के कारण तलाशे जाएंगे। इसके साथ ही योजनाओं के लिए सभी मंत्रालय के सचिवों की भी जवाबदेही तय की जाएगी। बता दें, पीएम जमीन पर योजनाओं का जल्द असर देखना चाहते हैं।

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