भारत और चीन सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को सुबह अचानक लद्दाख पहुंचे। उन्होंने अपने इस एक दिवसीय दौरे पर सैनिकों को हौंसला बढ़ाया और 15 जून की रात भारत-चीन सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में घायल हुए सैनिकों से भी मुलाकात की। पीएम मोदी लेह के उस अस्पताल में पहुंचे, जहां घायल हुए सैनिकों का इलाज चल रहा है। इस दौरान उन्होंने सैनिकों से बात की और मनोबल बढ़ाया।
दुनिया जानना चाहती है कि ये बहादुर जवान कौन हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने गलवान हिंसक झड़प में शहीद हुए वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘जो वीर शहीद हुए वो हमें बिना किसी कारण के छोड़कर नहीं गए, आप सबने (चीन की सेना को) उचित जवाब दिया। देश की सीमा की सुरक्षा के लिए आपकी बहादुरी और जो खून आपने बहाया वह हमारे युवाओं को और देशवासियों को कई पीढ़ियों तक प्रेरित करता रहेगा।’ पीएम मोदी ने सैनिकों से बात करते हुए कहा, ‘आप बहादुरों द्वारा दिखाई गई वीरता के बारे में दुनिया के लिए एक संदेश गया है। जिस तरह आप उनके सामने (चीनी सैनिकों) खड़े हुए दुनिया जानना चाहती है कि ये बहादुर जवान कौन हैं? इन्हें किस तरह का प्रशिक्षण मिला है? इनका बलिदान क्या है? दुनिया आपकी इस जबरदस्त बहादुरी पर चर्चा कर रही है।
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पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारा देश किसी भी स्थिति में कभी भी नहीं झुका है और हम दुनिया की किसी भी शक्ति के आगे झुकने वाले नहीं हैं। मैं आपके साथ-साथ उन माताओं को भी सम्मान देता हूं जिन्होंने आप जैसे बहादुरों को जन्म दिया। मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएं।’ भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर विवाद हाल के दिनों में बढ़ गया है। हाल में 15 जून की रात को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे, वहीं चीन की पीएलए के करीब 50 सैनिक मारे गए। हालांकि, चीन ने अभी तक गलवान झड़प में मारे गए अपने सैनिकों का आंकड़ा जारी नहीं किया है।