25 दिसंबर, 2019 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अटल भूजल योजना’ की शुरुआत की। इस योजना के साथ ही पीएम मोदी ने अटल टनल का भी उद्घाटन किया। इस योजना के माध्यम से भूजल प्रबंधन किया जाएगा और प्रत्येक घर तक पीने का स्वच्छ पानी पहुंचाने पर काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस दौरान पानी बचाने के लिए मंत्र दिए और कहा कि किसान, युवा, स्टार्टअप करने वाले पानी बचाने के लिए कई कदम उठा सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, देश में भूजल की समस्या से निपटने के लिए ‘अटल भूजल योजना’ की शुरुआत की गई है। केन्द्र सरकार ने इस योजना के लिए पांच साल में 6000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस राशि में से 3,000 करोड़ रुपए विश्व बैंक से और 3,000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी।
केंद्र सरकार ने इस योजना में भूजल दोहन के स्तर के अनुसार क्षेत्रों का चयन किया है। जिसके अंतर्गत देश के 7 राज्यों का चयन किया है। सरकार ने इन क्षेत्रों को उनकी संस्थागत तत्परता, गिरावट, स्थापित कानूनी और विनियामक साधनों, और भूजल प्रबंधन से संबंधित पहलों को लागू करने में अनुभव के कारण भी चुना है।
क्या है अटल भूजल योजना
अटल भूजल योजना का लक्ष्य देश के उन क्षेत्रों में भूजल के स्तर को ऊपर उठाने का है जिन क्षेत्रों में भूजल का स्तर काफी नीचे चला गया है। वहीं योजना का उद्देश्य भी भूजल में बढ़ोतरी करना है। साथ ही इस योजना से ज्यादा से ज्यादा फायदा किसानों को पहुंचाने उद्देश्य से भी केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है।
योजना के माध्यम से केंद्र सरकार किसानों को कृषि कार्य के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भंडारण सुनिश्चित करना चाहती है। जिससे किसानों की आय दोगुनी करने में भी मदद मिलेगी। इस योजना से सात राज्यों के 8,350 गांव लाभान्वित होंगे। भूजल के संरक्षण हेतु शैक्षणिक और संवाद कार्यक्रमों को संचालित किया जायेगा।
ये 7 राज्य होंगे लाभान्वित
बता दें कि अटल भूजल योजना में शामिल होने वाले 7 राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात हैं। इस योजना से इन राज्यों का भूजल स्तर ऊपर उठाने में काफी मदद मिलेगी। इन सात राज्यों के 78 जिलों में 8,350 ग्राम पंचायतों में भूजल की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है।
इस योजना में आम लोगों को भी शामिल किया जाएगा। जल सुरक्षा के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर काम किया जाएगा। इस योजना के तहत राज्यों में स्थायी भूजल प्रबंधन के लिए संस्थागत प्रबंधनों को मजबूत बनाया जाएगा। अटल भूजल योजना के तहत साल 2024 तक हर घर में पीने का पानी पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।