मानसून भारत में न केवल खेती के लिए आवश्यक है, बल्कि यहां के पर्यटन स्थलों के लिए भी उतना ही जरूरी है। मानसून के प्रभावी होने पर चारों ओर हरियाली की चादर बिछ जाती है। ऐसे में लोग स्थानीय स्तर पर पिकनिक मनाने निकल पड़ते हैं तो कई भारत के भ्रमण पर निकल पड़ते हैं। प्रकृति के प्रांगण में स्थित पहाड़ जहां हरी चादर ओढ़ लेते हैं उसे देखकर पर्यटक का मन प्रसन्न हो उठता है।
भारत में कुछ ऐसी हैं बेहद खूबसूरत जगहें जहां पर मानसून के दिनों में घूमने-फिरने मजा ही कुछ अलग होता है। हरी-हरी घास के मैदान पर रंग-बिरंगे फूलों की बिछी चादर को देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी फिल्म की शूटिंग लोकेशन का अवलोकन कर रहे हैं। इन जगहों पर घूमने के साथ ही यादगार पलों को फोटोग्राफी में कैद करना बेहतरीन अनुभव होगा।
तो आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ खूबसूरत डेस्टिनेशन्स के बारे में
युमथांग घाटी, सिक्किम
सिक्किम में उत्तर की ओर स्थित युमथांग घाटी बेहद खूबसूरत है जो हिमालय पर्वत श्रृंखला से घिरी हुई है। इसे भी ‘फूलों की घाटी’ कहा जाता है। समुद्र तल से 11,693 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस घाटी में आप तरह-तरह के रंग-बिरंगे और खूबसूरत फूलों को देख सकते हैं। रोडोडेंड्रन फूलों की कम से कम 24 वैराइटी यहां देखने को मिलती है। यहां आकर आपको बिल्कुल ऐसा लगेगा जैसे आप फिल्म की किसी रोमांटिक लोकेशन पर घूम रहे हैं।
यहां आने का सही समय
फरवरी से जून महीने का समय यहां घूमने के लिए उपयुक्त है।
जोखू वैली, नागालैंड
पूर्वोत्तर भारत के नागालैंड राज्य में हिमालय पर्वत की घाटियों के बीच स्थित जोखू घाटी ऊंचे-नीचे हरे पहाड़, रहस्य से भरे भूतिया ठूंठ, नीला आसमान, बीच में शीशे की तरह चमकती नदियां पर्यटकों का मन मोह लेती है।
इन सबके बीच बैंगनी रंग के जोखू लिली के फूल, जो दूसरे सफेद, पीले व लाल रंग के फूलों के साथ एक इंद्रधनुषी पेंटिंग बनाते नजर आते हैं। जोखू लिली के फूल यहां पर बारिश के समय खिलते है और इस घाटी के अलावा कहीं और नहीं मिलते हैं।
समुद्र तल से 2453 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस खूबसूरत घाटी में पहुंचने का रास्ता थोड़ा मुश्किलों से भरा जरूर है। इस घाटी तक पहुंचने के लिए मणिपुर या नागालैंड के रास्ते से होकर पहुंचा जा सकता है। मणिपुर के माउंट इशू के रास्ते यहां पहुंचा जा सकता है, लेकिन पहली बार जाने वालों के लिए नागालैंड के विशेमा से होकर जाने वाला रास्ता कहीं ज्यादा आसान है।
यहां पर करीब एक घंटे की खड़ी चढ़ाई के बाद आगे बांस के झुरमुटों के बीच से करीब 3 घंटे की ट्रैकिंग के बाद आपको इस खूबसूरत वैली की पहली झलक देखने को मिलती है।
यहां घूमने जाने का समय
जून से सितंबर माह के मध्य जाएं
फूलों की घाटी, उत्तराखंड
उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान जिसे आम तौर पर सिर्फ़ “फूलों की घाटी” कहा जाता है। यह देश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है, जो हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित है। इस घाटी को वर्ष 1982 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित हैं। फूलो की घाटी उद्यान 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैला हुआ है ।
बारिश के समय में यहां पर चार सौ से ज्यादा प्रकार के फूल खिलते हैं। यह घाटी धरती की बेहद खूबसूरत जगहों में से एक है। इस मौसम में यहां पर करीब सभी रंगों के फूल खिल जाते हैं, जो पर्यटकों के घूमने का आनंद को कई गुना बढ़ा देते हैं।
दोनों ओर से पहाड़ों से घिरी घाटी हो, पहाड़ों पर फैली गहरी हरियाली हो और उस हरियाली से निकलते रंग-बिरंगे फूल हों। कहीं दूर से उठती धुंध और उसके ऊपर काले सफेद बादल का साम्राज्य हो फिर पास ही कहीं ऊपर से बहकर आते पानी की कल-कल का मधुर संगीत हो तो मन क्यों न रुक जाए। इन सबके बीच वहां विचरने का आनंद कौन न उठाना चाहेगा।
बारिश के मौसम में ट्रेकिंग पसंद करने वाले लोगों के लिए यह एक आदर्श स्थान है। यही कारण है कि देश-विदेश से प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। बर्फ, पहाड़, बादल, झरने, हरियाली और विभिन्न प्रकार के पुष्पों का अद्भुत संयोग यहां के अलावा कहीं नजर नहीं आता।
यहां पर आने का अनुकूल समय जून से अक्टूबर का महीना माना जाता है।