प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी एयरक्राफ्ट का निर्माण करने वाले कैप्टन अमोल यादव से मुलाकात की। कैप्टन अमोल मुंबई के निवासी हैं। अमोल ने 18 साल की कड़ी मेहनत से अपने घर की छत पर कबाड़ हो रही चीजों से छह सीट वाला प्रायोगिक स्वदेशी एयरक्राफ्ट बनाया है।
पीएम मोदी ने कैप्टन अमोल से मुलाकात के दौरान कहा कि कैप्टन अमोल की कड़ी मेहनत उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणादायक कहानी है, जो देश निर्माण में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं। स्वदेशी एयरक्राफ्ट का निर्माण उनके धैर्य और दृढ़संकल्प की कहानी है। उनके द्वारा निर्मित यह एयरक्राफ्ट मेक इन इंडिया का बेहतरीन उदाहरण भी है क्योंकि उन्होंने इसे बनाने में अपनी आवासीय इमारत की छत पर पड़ी खराब वस्तुओं का इस्तेमाल किया है। इस मुलाकात के लिए पीएम मोदी को चुनाव आयोग की अनुमति मिली, जिसके बाद उन्होंने कैप्टन अमोल को प्रमाण पत्र सौंपा। इसके बाद अमोल इस विमान को उड़ा पाएंगे।
Delhi: Captain Amol Yadav, a pilot who has built a six seater indigenous experimental aircraft, called on Prime Minister Narendra Modi, today. pic.twitter.com/1NhQPaGSCM
— ANI (@ANI) October 20, 2019
पीएम मोदी के हस्तक्षेप पर मिली अमोल को एयरक्राफ्ट उड़ाने की अनुमति
कैप्टन अमोल को वर्ष 2011 से अपने एयरक्राफ्ट को उड़ाने के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) से विनियामक मंजूरी लेने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने पीएम मोदी के निर्देश पर सिर्फ तीन दिन पहले मंजूरी प्राप्त की है। इस मुलाकात पर अमोल ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके सपना पूरा करने में मदद करने के लिए आभार जताया।
परमिट के लिए अमोल यादव के संघर्ष के बारे में जानने के बाद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इसे पीएम मोदी के संज्ञान में लाया। बाद में पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बाद, युवा पायलट के अनुरोध पर तेजी से कार्रवाई की गई और उन्हें डीजीसीए से ‘परमिट टू फ्लाई’ मंजूरी प्राप्त हुई।
डीजीसीए ने अनुमति के लिए उन पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। जैसे विमान परीक्षण के दौरान दुर्घटना के लिए कोई जगह नहीं है। अमोल को विमान का परीक्षण करने से पहले हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में 15 दिन के प्रशिक्षण से गुजरना होगा। एक बार जब वह परीक्षण को मंजूरी देता है तो उसे एक एयरवर्थनेस प्रमाणपत्र दिया जाएगा। एचएएल के फ्लाइट टेस्ट विशेषज्ञ विंग कमांडर लगनजीत बिस्वाल की निगरानी में परीक्षण करेंगे और एक पर्यवेक्षक उनका साथ देगा।