जिस पैसे के पीछे भाग रहे हैं उन्हें लेने से मना कर रहे हैं लोग, जबकि RBI ने माना वैध

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श्रीमानजी ये सिक्के ना दो हमें, कोई लेता ही नहीं है… हां न जाने क्यों लोगों ने ऐसा माहौल बना दिया है कि कोई 1 रुपये से लेकर 10 रुपये तक के सिक्कों को लेने से कतरा रहे हैं। यह हाल पहले छोटे गांवों में सुना था, अब बड़े शहरों के समझदार लोगों को भी सिक्के लेने से डरते देखा जा रहा है जबकि ऐसी कोई बात है ही नहीं और न हमारे केन्द्रीय बैंक ने ऐसा आदेश जारी किया है कि अब धातु के सिक्के बंद किये जा रहे हैं, बस लोग है कि लेने से मना कर रहे हैं।

आरबीआई ने माना सभी सिक्कों को वैध

भारतीय रिजर्व बैंक के प्रवक्ता ने स्पष्ट कहा है कि जो भी सिक्के जारी किए गए हैं, वह रिजर्व बैंक के नियम के तहत जारी किए गए हैं। इसलिए सभी सिक्के वैध हैं। यदि कोई व्यक्ति या बैंक इसे लेने से इनकार करता है तो उसकी सूचना पुलिस को दी जानी चाहिए, ऐसा करना अपराध है।

जब भारत सरकार के केन्द्रीय बैंक ने साफ कहा है कि सभी सिक्के वैध हैं तो लोगों में सिक्कों को लेकर ऐसा असमंजस क्यों?

नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर जारी, सिक्के बनी समस्या

बैंक के अधिकारी बताते हैं कि साल 2016 के नवंबर में जब नोटबंदी हुई थी तब बाजार में बड़े पैमाने पर सिक्के उतारे गए थे। उन सिक्कों को जब वापस बैंकों में जमा किया जाने लगा तो बैंक कर्मचारी उसे लेने में आनाकानी करते थे।

उस दौरान बैंक कर्मियों का कहना था कि नोटों को तो मशीन से गिन लिया जाएगा, लेकिन हजारों हजार सिक्कों को कौन गिनेगा। वैसे भी बैंक में कर्मचारियों की किल्लत है, ऐसे में एक ग्राहक का सिक्का गिनने में एक घंटा लगेगा, तो काउंटर पर ग्राहकों की लंबी लाइन लग जाएगी।

सिक्के अभी भी हमारे दैनिक जीवन में जरूरी है

सिक्के हमारे देश की मुद्रा का एक प्रकार ही है हमें इन्हें लेने से इंकार नहीं करना चाहिए, बल्कि इससे हमारे दैनिक कामकाज में सुविधा होती है। इसलिए हमें सिक्कों लेने से हिचकना नहीं चाहिए, तभी जाकर हम लाखों—करोड़ों रुपये के सिक्कों को चलाकर देश को मजबूत बना पाएंगे, नहीं तो इनके बंद होने से हमें ही नुकसान होगा, जैसे यदि आप 1 या 2 रुपये के सिक्के नहीं लेंगे तो आपको अतिरिक्त सामान लेना पड़ेगा।

कई बार यात्रा करते समय कई लोग सिक्के लेने से मना कर देते हैं तो उनमें विवाद बढ़ जाता है जोकि गलत है। बिना सिक्कों के लोगों को दैनिक जीवन में ऐसी ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

ऐसे हैं 14 तरह के सिक्के

डॉ. बीआर अंबेडकर की 125वीं वर्षगांठ पर जारी।
श्रीमद राजचंद्र के 150वें जन्मदिवस पर जारी।
नेशनल आर्काइव के 125वें वर्ष के अवसर पर जारी।
स्वामी चिन्मयानंद की जन्म शती के अवसर पर जारी।
इंटरनेशनल योगा डे पर जारी।
महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने के सौ वर्ष पूरा होने पर जारी।
क्वॉयर बोर्ड की डायमंड जुबली पर जारी।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की सिल्वर जुबली पर जारी।
भारतीय संसद के 60 वर्ष पूरा होने के अवसर पर जारी।
सामान्य सिक्कों की नई श्रृंखला जारी।
रिजर्व बैंक के 75 वर्ष पूरा होने के अवसर पर जारी।
होमी भाभा के जन्मशती वर्ष पर जारी।
‘विविधता में एकता’ शीर्षक के साथ दो धातुओं के मिश्रण वाला सिक्का।
‘कनेक्टिविटी एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी’ शीर्षक के साथ दो धातुओं के मिश्रण वाला सिक्का।

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