राजस्थान में विधानसभा चुनाव का शोर बुधवार शाम के बाद बंद हो जाएगा और पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी जाएगी। राजस्थान में 7 दिसंबर के दिन मतदान होगा जिसमें 199 सीटों पर जनता अपना चुनाव करेगी। लोकसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल माने जा रहे राजस्थान विधानसभा चुनाव में मुकाबला इस बार देखने लायक होगा और ये कैसे होगा आप जानिए इन बिंदुओं से
मानवेंद्र वर्सेज वसुंधरा
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने इस बार कांग्रेस से मानवेंद्र सिंह है जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वो पहले ऐसे प्रत्याशी साबित होंगे जो वसुंधरा को उन्हीं के गढ़ में कड़ी टक्कर देने जा रहे हैं।
कई राजपूत नेताओं का तो यहां तक दावा है कि वसुंधरा राजे को राजपूत समाज से 500 वोट भी मिल जाए तो बड़ी बात है।
छोटे दलों का रहेगा बड़ा रोल
राजस्थान में इस बार कई छोटे छोटे दल थोड़े ताकतवर बनकर उभरे हैं जिनमें से हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के बारे में चर्चा है कि वो कुछ सीटों पर अपना कब्जा जमा सकती है। ऐसे ही घनश्याम तिवाड़ी की नई नवेली पार्टी भी मैदान में है जो कहीं कहीं समीकरण खराब कर सकती है।
राजपूत वोट:
इस बार राजस्थान चुनाव राजपूत वोट बैंक पर काफी निर्भर रहेगा जिसमें गौर करने वाली बात ये रहेगी कि राजपूतों के मन में क्या वाक्ई भाजपा के लिए रोष व्याप्त है।
इन नेताओं की साख दांव पर
राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार राजनीति के कई दिग्गजों की साख दांव पर है। यहां भाजपा के युनूस खान, अरुण चतुर्वेदी हैं तो वहीं कांग्रेस से सचिन पायलट, सीपी जोशी जैसे बड़े नाम की राजनीतिक साख पर दांव लगा हुआ है।
अपनी प्रमुख पार्टियां छोड़ नई पार्टियों का गठन करने वाले घनश्याम तिवाड़ी, हनुमान बेनीवाल भी इस बार काफी दबाव महसूस कर रहे होंगे।
क्या टूटेगा मिथक ?
राजस्थान में चुनावों को लेकर फैला एक मिथक ‘एक बार भाजपा, एक बार कांग्रेस’ क्या इस बार भी टूटेगा ये देखना भी काफी दिलचस्प होगा।