योग गुरु और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के फाउंडर बाबा रामदेव की कंपनी ने मंगलवार को दावा किया कि उसने कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए दवा तैयार कर ली है। इसके बाद से पतंजलि की दवा को लेकर लोगों के बीच चर्चा तेज हो गई है, लेकिन आयुष मंत्रालय ने साफ कर दिया कि कंपनी को पहले इस दवा के परीक्षण व अन्य जानकारियों को उसके साथ साझा करना होगा। आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने बुधवार को कहा कि नियम के अनुसार पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को पहले आयुष मंत्रालय में दवा को जांच के लिए दिया जाना चाहिए।
जांच के बाद ही दवा को प्रयोग के लिए अनुमति दी जाएगी
केंद्रीय आयुष मंत्री नाइक ने कहा कि यह अच्छी बात है कि बाबा रामदेव ने देश को नई दवा दी है, लेकिन नियम के अनुसार दवा को पहले आयुष मंत्रालय में जांच के लिए देना होगा। रामदेव ने यहां तक कहा है कि उन्होंने एक रिपोर्ट भेजी है। हम इसे देखेंगे और इसके बाद ही दवा को प्रयोग के लिए अनुमति दी जाएगी। आपको बता दें कि, मंगलवार को बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने कोरोना वायरस के इलाज का सफल दावा करते हुए दवा लॉन्च की। इस दवा को ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ नाम दिया है।
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पांच से 14 दिनों के भीतर कोरोना ठीक होने का दावा
लॉन्चिंग के मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि ने खतरनाक वायरस कोरोना के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवा तैयार की है। उन्होंने बताया कि इस दवा का सेवन करने पर रोगी पांच से 14 दिनों के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाता है। इस दौरान योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि के सीईओ बालकृष्ण ने इस दवा के क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे सामने रखे। आपको बता दें कि इस दवा को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जयपुर ने मिलकर तैयार किया है। इस दवा का उत्पादन हरिद्वार की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कर रहे हैं।