
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद इन केंद्र शासित राज्यों में मोदी सरकार ने विकास की रफ्तार को बढ़ाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। इसी क्रम में विकास कार्यों की समीक्षा के लिए शहरी मामलों की स्थायी संसदीय समिति 20 से 25 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का दौरा करने जा रही है। जानकारी के अनुसार, इस संसदीय समिति के दौरे का मकसद दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में शहरी विकास और अन्य कल्याण परियोजनाओं से जुड़े मुद्दों का विस्तार से परीक्षण करना है।
विभिन्न योजनाओं की कार्यप्रणाली की होगी समीक्षा
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली स्थायी संसदीय समिति में राज्यसभा और लोकसभा के 30 सदस्य शामिल हैं। यह समिति अपने दौरे की शुरुआत 20 अगस्त को श्रीनगर से करेगी। तय कार्यक्रम के मुताबिक, पहले दिन समिति विभिन्न विभागों के अधिकारियों से मुलाकात करेगी और कई परियोजनाओं का निरीक्षण करेगी। समिति के सदस्य अपने इस दौरे पर अमृत अभियान, स्मार्ट सिटी मिशन, प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना, स्वच्छ भारत अभियान-शहरी, श्रीनगर और जम्मू में मेट्रो परियोजना को लागू करना, दीनदयाल अंत्योदय योजना (राष्ट्रीय शहरी आजीविका योजना) और सीपीडब्ल्यूडी की कार्यप्रणाली की समीक्षा करेंगे।
दूसरे दिन पहलगाम और गुलमर्ग में होगी समीक्षा बैठक
स्थायी संसदीय समिति के सदस्य दूसरे दिन जम्मू-कश्मीर में पहलगाम जाएंगे। पहलगाम के बाद समिति गुलमर्ग जाकर स्थानीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी करेगी। अपने इस छह दिवसीय दौरे के अंतिम चरण में समिति के सदस्य केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह में पहुंचेंगे। यहां ये समिति के सदस्य पीएम सेवा निधि, अटल भारत मिशन-शहरी, पीएमएवाई-शहरी, दीनदयाल अंत्योदय योजना और सीपीडब्ल्यूडी के कार्यों की समीक्षा करेंगे। आपको जानकारी के लिए बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को भारतीय संसद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और धारा 35ए को हटाकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित राज्य बना दिए।
Read Also: केवल पत्नी को ही तलाक दिया जा सकता है, बच्चों को नहीं: सुप्रीम कोर्ट