भारतीय शास्त्रीय संगीत को दुनियाभर में पहुंचाने वाले ‘भारत रत्न’ सुप्रसिद्ध सितार वादक पंडित रविशंकर की आज 7 अप्रैल को 103वीं जयंती है। उन्हें वर्ष 1999 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया था। पंडित रविशंकर अपने जीवन में तीन बार प्रतिष्ठित ‘ग्रैमी अवॉर्ड’ से नवाजे गए। वे भले ही इस दुनिया को छोड़ चुके हैं, लेकिन दुनियाभर के शास्त्रीय संगीत प्रेमी आज भी उनके सितारों के सुरों से आनंदित हो उठते हैं। इस मौके पर जानिए भारतीय संगीत की महान शख्सियत पं. रवि शंकर के बारे में कुछ रोचक बातें…
जब डांस छोड़कर सितार सीखना शुरू किया
पंडित रविशंकर का जन्म 7 अप्रैल, 1920 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। उन्होंने नृत्य के जरिए कला जगत में प्रवेश किया था। वह अपने बड़े भाई उदयशंकर की तरह नृतक बनना चाहते थे। युवावस्था में उन्होंने अपने भाई के डांस ग्रुप के साथ यूरोप सहित अन्य देशों का दौरा किया। रविशंकर ने 18 साल की उम्र में सितार सीखने के लिए डांस छोड़ दिया और मैहर गए, जहां उस्ताद अलाउद्दीन खान से सितार सीखने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। कुछ समय बाद ही सितार और पं. रविशंकर एक-दूसरे के पर्याय बन गए थे। दुनियाभर में प्रसिद्ध बैंड बिटल्स के साथ भी उन्होंने सितार बजाया।
शादी टूटने के बाद लिव-इन-रिलेशन में रहे
पंडित रविशंकर ने अपना पहला सितार वादन का सार्वजनिक प्रदर्शन दिसंबर, 1939 में किया। उन्होंने अपने गुरु उस्ताद अलाउद्दीन की बेटी अन्नपूर्णा देवी से वर्ष 1941 में शादी की थी। इन दोनों के एक बेटा शुभेन्द्र शंकर हुआ, जो अब इस दुनिया में नहीं है। कुछ वर्षों बाद पंडित रविशंकर अन्नपूर्णा देवी से अलग हो गए थे। इसके बाद उनका संबंध प्रसिद्ध नृत्यांगना कमला शास्त्री के साथ रहा। वे नृत्यांगना कमला के साथ लिव-इन-रिलेशन में रहे। हालांकि, कुछ समय बाद उनके बीच दूरी बनी और अलग हो गए।
पंडित रविशंकर का अगला रिश्ता न्यूयॉर्क की कॉन्सर्ट प्रोड्यूसर सू जोन्स के साथ बना, जिसके साथ भी वे लिव-इन-रिलेशन में रहे। उन दोनों की एक बेटी नोरा जोन्स का वर्ष 1979 में जन्म हुआ। गौरतलब है कि नोरा भी एक प्रसिद्ध सिंगर और सितार वादक है। बाद में रविशंकर और सू जोन्स के बीच भी संबंध टूट गया तो वे वर्ष 1981 में सुकन्या राजन के संपर्क में आए। उनके इस संबंध से सुकन्या को एक बेटी अनुष्का शंकर हुई। बेटी होने के बाद दोनों ने वर्ष 1989 में शादी की। पं. रविशंकर की विरासत को दोनों बेटियां अनुष्का शंकर और नोरा जोन्स आगे बढ़ा रही हैं।
कई नामी अवॉर्ड और सम्मानों से नवाजे गए
सुप्रसिद्ध सितारवादक पंडित रविशंकर ने नृत्य के माध्यम से कला जगत में प्रवेश किया था। उन्हें पूरी दुनिया में शास्त्रीय संगीत के रूप में भारत का दूत माना जाता था। उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें कई सम्मान और अवॉर्ड प्राप्त हुए हैं। वह वर्ष 1986 से 1992 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे। उन्हें वर्ष 1962 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1967 में पद्म भूषण अवॉर्ड, संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (1975), पद्म विभूषण (1981) और वर्ष 1999 में भारत रत्न पुरस्कार मिले।
यह नहीं उन्हें वैश्विक स्तर पर रेमन मैग्सेसे पुरस्कार 1992, संगीत की सेवा के लिए वर्ष 2001 में एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा मानद नाइट कमांडर ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर (KBE) अवॉर्ड मिला। पंडित को तीन बार प्रतिष्ठित संगीत अवॉर्ड ग्रैमी मिला।
पंडित रविशंकर का निधन
भारतीय संगीत को दुनिया के कोने-कोने पहुंचाने वाले पंडित रविशंकर का 92 साल की उम्र में 12 दिसंबर, 2012 को सैन डिएगो के एक हॉस्पिटल में निधन हो गया।
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